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कटनी

पांच हजार से अधिक गरीबों को इस साल नसीब नहीं होगा पक्का आशियाना, सरकार के इस फरमान से हो रहा नुकसान, पढ़िए यह रिपोर्ट

कटनी में अभी तक 41 हजार लोगों के पीएम आवास बन चुके हैं। इस योजना से गरीबों को काफी राहत मिल रही है। अभी भी 2 हजार से अधिक आवास निर्माणाधीन हैं। जो लोग इस योजना के तहत पात्र थे उनको आसरा थी कि इस साल भी उनके आवास बन जाएंगे। 20 दिन पहले जिलो को 15 हजार 119 का मिला था टारगेट, शासन ने घटाकर किया 9873, जिले में 13 हजार लोगों का जिस्ट्रेशन भी हो गया था, लेकिन अब पांच हजार से अधिक लोगों को आवास के लिए इंतजार करना पड़ेगा

कटनीJun 13, 2019 / 09:57 am

balmeek pandey

corruption in PM awas yojna

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कटनी. जिले में हजारों गरीबों के पास पक्के मकान नहीं हैं। वे कच्चे खपरैल वाले एक कमरे सहित झुग्गी-झोपड़ी में रहकर किसी तरह गुजारा करते हैं। उनके इस अभाव की सबसे ज्यादा पीड़ा बारिश के सीजन में होती है। लेकिन प्रधानमंत्री आवास योजना से हर गरीबों के पक्के आशियाने का सपना पूरा हो रहा है। जिले में 41 हजार से अधिक गरीबों को पक्की छत नसीब हो गई है। 2100 आवास निर्माणाधीन हैं। वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए शासन से नया लक्ष्य जिले को दिया था। जिसमें अब पांच हजार से अधिक गरीबों को अब अगले लक्ष्य तक पक्के आशियाने के लिए इंतजार करना पड़ेगा, क्योंकि शासन द्वारा लक्ष्य में कटौती कर ली गई है। अकेले कटनी जिले में 5 हजार 246 आवासों को कम कर लिया गया है। सूत्रों की मानें तो बजट के अभाव में पीएम आवास के टारगेट को कम कर दिया गया है। जानकारी के अनुसार जिले को मई माह में 15 हजार 119 प्रधानमंत्री आवास बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। शासन-प्रशासन स्तर पर भेजे गए लक्ष्य के अनुसार जिले में तैयारी शुरू हो गई थी। लेकिन 2 दिन पहले जिला पंचायत को हुए पत्राचार में शासन द्वारा लक्ष्य में कटौती कर दी गई है। अब जिले में सिर्फ 9 हजार 873 प्रधानमंत्री आवास ही बनेंगे। उल्लेखनीय है कि जिले में अब भी 32 हजार ऐसे लोग हैं जिनके पास एक कच्चा कमरा है और उनका नाम 2011 में हुए सर्वे के अनुसार पीएम आवास के लिए चयन हुआ है। तीन साल बाद भी उनका सपना पूरा नहीं हुआ।

 

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रजिस्ट्रेशन के बाद भी नहीं मिलेगा लाभ
बता दें कि जिले को 20 दिन पहले टारगेट मिलने के कारण युद्ध स्तर पर जिला पंचायत से लेकर जनपद व ग्राम पंचायतों तक पीएम आवास बनाने की तैयारी हो गई थी। रजिस्ट्रेशन से लेकर जियोटैग की प्रक्रिया हो रही थी। 20 दिन के अंदर विभाग ने 13 हजार के रजिस्ट्रेशन कंपलीट कर लिए थे। एकाएक लक्ष्य कम होने से ग्राम पंचायत से लेकर जिला पंचायत तक के अधिकारियों के सामने समस्या खड़ी हो गई है। अब सिर्फ 9 हजार 873 को ही पहली किस्त जारी हो पाएगी।

 

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खास-खास:
– जिले में अब भी 22 हजार से अधिक गरीब ऐसे हैं जिनके पास पक्के मकान नहीं हैं और वे इस योजना के लिए पात्र हैं।
– 42 हजार उन हितग्राहियों के को प्रधानमंत्री आवास का इंतजार है, जिनके यहां दो कमरे कच्चे हैं।
– सर्वे के बाद भी 25 हजार से अधिक अधिक लोगों ने आवेदन दिया है, जिन्होंने बताया है कि उनके पास पक्के व रहने के लिए मकान नहीं है।
– प्रधानमंत्री आवास योजना में 60 प्रतिशत राशि केंद्र सरकार और 40 प्रतिशत राशि राज्य शासन की खर्च हो रही है।

इनका कहना है
20 दिन पहले प्रधानमंत्री आवास बनाने के लिए 15 हजार से अधिक का टारगेट मिला था। दो दिन पहले घटाकर शासन द्वारा 9 हजार कर दिया गया है। इसमें 13 हजार के रजिस्ट्रेशन हो गए थे। अब जो भी पहली किस्त आवंटित होगी वह 9 हजार के मान से ही की जाएगी। जब अगला टारगेट आएगा उसके बाद शेष को इसमें शामिल किया जाएगा। यह लक्ष्य क्यों कम हुआ है इसकी जानकारी नहीं है।
सपना त्रिपाठी, संयुक्त कलेक्टर व प्रभारी सीइओ जिला पंचायत।

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