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इलाज की आस में भटकती मां
मासूम के इलाज के लिए जिला अस्पताल में गोद में मासूम और हाथ में ग्लूकोज की बॉटल रखे मां के भटकने का वीडियो कटनी जिले में तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। ये वीडियो सोमवार-मंगलवार की दरम्यानी रात का है। अपने कलेजे के टुकड़े मासूम बच्चे को कलेजे से लगाए भटक रही इस मां का नाम द्रोपदी है जो उमरिया की रहने वाली है। वो अपने बच्चे की तबीयत बिगड़ने के बाद उसे लेकर उमरिया जिला अस्पातल पहुंची थी जहां से उसे जबलपुर मेडिकल कॉलेज रैफर कर दिया गया। मां द्रोपदी ने बताया कि बच्चे को लेकर एंबुलेंस से उमरिया से जबलपुर के लिए निकले तो रास्ते में ही मासूम की तबीयत बिगड़नी लगी। तो उन्होंने कटनी जिला अस्पताल में इलाज कराने का सोचा और वहां पहुंच गए।
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नहीं पसीजा डॉक्टर्स का दिल
कटनी जिला अस्पताल पहुंचने के बाद उन्होंने पर्ची कटवाई औऱ जब बच्चा वार्ड में पहुंचे तो वहां से उन्हें ये कहकर लौटा दिया गया कि बच्चे को जबलपुर रैफर किया गया है। बीमार बच्चे का इलाज करने के लिए बेबस मां गि़ड़गिड़ाती रही, हाथ जोड़कर विनती करती रही लेकिन डॉक्टर्स का दिल नहीं पसीजा। जिसके बाद मजबूर मां वापस एंबुलेंस से ही बच्चे को लेकर जबलपुर के लिए रवाना हो गई। बच्चे को लेकर भटक रही मां ने बताया कि जबलपुर मेडिकल कॉलेज में कोरोना संक्रमण का खतरा ज्यादा है इसलिए उसने डॉक्टर्स से बच्चे को कटनी में ही भर्ती कर इलाज करने की गुहार भी लगाई लेकिन किसी ने उसकी बात नहीं सुनी।
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ये बोले जिम्मेदार
इस बारे में जिला अस्पताल कटनी के सिविल सर्जन डॉ. यशवंत वर्मा का कहना है कि द्रोपती बाई की समस्या के बारे में हमने पता किया है। वहीं डॉ. नागेश्वर ने बताया कि सोमवार रात ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया था। जबकि तस्वीरें सबकुछ बयां कर रही हैं।
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