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तत्कालीन सीइओ ने बिना अनुमोदन गलत तरीके से किया रोजगार सहायकों का तबादला, अब पंचायत के अलावा विकास कार्य हो रहे प्रभावित

28 जून को जनपद पंचायत ढीमरखेड़ा के तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी प्रदीप सिंह बघेल का तबादला हो जाने के बाद 29 जून को मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने बगैर किसी नीति और बगैर जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी के अनुमोदन के दो रोजगार सहायकों का तबादला कर दिया था। अब रोजगार सहायक को वित्तीय प्रभार भी नहीं है। जिससे कि गांव के विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं।

कटनीSep 27, 2019 / 12:17 pm

balmeek pandey

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कटनी/उमरियापान. 28 जून को जनपद पंचायत ढीमरखेड़ा के तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी प्रदीप सिंह बघेल का (Transfer) तबादला हो जाने के बाद 29 जून को मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने बगैर किसी नीति (rojgar sahayak) और बगैर जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी के अनुमोदन के दो रोजगार सहायकों का तबादला कर दिया था। अब रोजगार सहायक को वित्तीय प्रभार भी नहीं है। जिससे कि गांव के विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं। जानकारी मुताबिक ग्राम पंचायत सिलौंड़ी में पदस्थ रोजगार सहायक अमरीश राय और नेगई ग्राम पंचायत में पदस्थ रोजगार सहायक भालचंद्र दुबे का स्थानांतरण 29 जून को तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी प्रदीप सिंह ने जनपद स्तर पर गलत तरीके से कर दिया। जबकि मुख्य कार्यपालन अधिकारी का तबादला 28 जून को हो गया था। तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने बिना स्थानांतरित नीति और जिला मुख्य कार्यपालन अधिकारी के बगैर अनुमोदन के भी रोजगार सहायकों के तबादले कर दिए। जबकि ग्राम पंचायतों में सचिव नहीं होने की स्थिति पर किसी भी समीपी पंचायत के रोजगार सहायक को उक्त पंचायत की वैकल्पिक व्यवस्था के लिए जिला पंचायत सीइओ के अनुमोदन के बाद स्थानांतरण किया जा सकता है, लेकिन सीइओ ने गलत तरीके से दोनों रोजगार सहायकों के तबादले कर दिए। सीइओ द्वारा रोजगार सहायकों के किये गए स्थानांतरण के पीछे राजनैतिक दबाव बताया जा रहा है। पूर्व में सिलौंड़ी में पदस्थ रोजगार सहायक अमरीश राय ग्राम पंचायत के प्रभारी सचिव रहे। वित्तीय प्रभार भी रहा, जिससे पंचायत के कार्य चलते रहे। फिर पाली ग्राम पंचायत में सचिव होने के बाद भी अमरीश राय को पाली पंचायत के लिये भेजा गया। वहीं पूर्व में नेगई पंचायत में पदस्थ रोजगार सहायक भालचंद्र दुबे को सिलौंडी के लिए भेजा गया। तबादला होने के तीन माह बाद भी दुबे को सिलौंडी का वित्तीय प्रभार नहीं मिला है। नेगई पंचायत भी रोजगार सहायक विहीन हो गई है। आगामी कुछ दिनों बाद पंचायतीराज के निर्वाचन होना है। सिलौंड़ी और नेगई पंचायत में विकास कार्यों के अलावा अन्य कार्य भी प्रभावित रहें हैं। जिसके चलते जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।

 

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स्थानांतरण निरस्त करने सीइओ को लिखा पत्र
नेगई से सिलौंड़ी आये रोजगार सहायक भालचंद्र दुबे ने जनपद सीइओ को पत्र लिखकर कहा है कि तबादला होने के बाद जब से वो सिलौंड़ी में पदस्थ है आज तक वित्तीय प्रभार नहीं दिया गया। जिससे गांव के निर्माण और विकास कार्य बाधित हो रहे हैं। जिसके चलते दुबे ने उक्त आदेश को निरस्त करते हुए यथावत करने की मांग किया है। वहीं नेगई में भी पंचायत के कार्यों को प्रभावित होते देख नेगई सरपंच ने जनपद सीइओ से एक रोजगार सहायक की मांग किया है।

इनका कहना है
मामला मेरे आने के पहले का है। तत्कालीन सीइओ द्वारा बगैर जिला सीइओ के अनुमोदन कराए रोजगार सहायकों का तबादला किया गया, जिससे ऐसी स्थिति बनी। मामला निराकरण के लिए जिला सीइओ के पास लंबित है। जिले से जैसे ही इस पर कोई निर्णय होता है, उसके अनुसार कार्य किया जाएगा।
केके पांडेय, जनपद पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी, ढीमरखेड़ा।

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