कटनी जंक्शन व मुड़वारा में तीसरी आंख का सख्त होगा पहरा, परिंदा भी नहीं मार सकेगा ‘पर’
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समाजसेवी संगठनों ने किया समर्थन
डॉक्टरों के साथ हुए अभद्र व्यवहार पर राष्ट्रव्यापी बंद का समाजसेवी संगठनों ने भी समर्थन किया। जायंट्स ऑफ वैदैही अध्यक्ष शशि यादव, निशा तिवारी, संतोष जैन, स्वाति नायक, अनीता वैश्य, निशी आदि सदस्य भी जिला अस्पताल पहुंची और डॉक्टरों की सुरक्षा की मांग रखी। इडिंयन मेडीकल एसोसिएसन के आवाहन पर निजी अस्पतालों ने सुरक्षा की मांग को लेकर चिकित्सकों ने क्लीनिक बंद रखे।
ग्रामीण क्षेत्रों में भी नहीं रहा असर
देश व्यापी हड़ताल का ग्रामीण क्षेत्रों के अस्पतालों में भी असर नहीं दिखा। बड़वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के बीएमओ, ढीमरखेड़ा, बरही, बड़वारा, रीठी सहित अन्य कें्रदों के बीएमओ ने कहा कि तय समय में चिकित्सकों ने मरीजों को उपचार दिया है। हड़ताल का सभी को समर्थन रहा, लेकिन किसी की पीड़ा हरना पहली प्राथमिकता थी।
सुरक्षा मुहैया कराने की चर्चा
इंडियन मेडिकल एसोसिएसशन की बैठक इंडियन कॉफी हाउस में आयोजित की गई। इस दौरान यह चर्चा की गई कि यदि कोई मरीज अस्पताल में आता है और उसके परिजन हंगामा करते हैं तो फिर भय के कारण कारण डॉक्टर पूरी हिम्मत के साथ काम नहीं कर सकता। इस तरह के वातावरण में वह मरीज को सही उपचार नहीं दे पाता। इसके लिए जरुरी है कि अस्पतालों में सुरक्षा बढ़ाई जाए, दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। इस दौरान अध्यक्ष डॉ. अशोक चौदहा, डॉ. प्रवीण वैश्य, डॉ. संजय निगम, डॉ. दीपक सक्सेना, डॉ. शोभना सक्सेना, डॉ. अभिषेक शर्मा, डॉ. समीर चौधरी, डॉ. उमा निगम सहित बड़ी संख्या में चिकित्सक मौजूद रहे।
इन मरीजों ने कहा, यदि डॉक्टर नहीं मिलते तो क्या होता:
केस 01- शांति बाई (70) निवासी देवरी थाना शाहनगर जिला पन्ना सिरदर्द सहित चक्कर आने की समस्या से परेशान थी। वह 22 किलोमीटर का सफर तय कर जिला अस्पताल पहुंचा। उपचार मिला तो राहत की सांस ली। कहा, लोग कह रहे थे हड़ताल है, लेकिन दर्द असहनीय था, इसलिए अस्पताल पहुंचे।
केस 02- राजकुमार (61) निवासी बड़वारा 25 किलोमीटर का सफर तय करके जिला अस्पताल पहुंचा। राजकुमार का कहना था कि तेज बुखार और शरीर में दर्द के कारण वह बेचैन था। रविवार होने के कारण उपचार नहीं मिला। सोमवार को वह जिला अस्पताल पहुंचा। यहां पर इलाज मिला तो आराम मिला।
केस 03- राजेंद्र सिंह (45) निवासी ढीमरखेड़ा पीलिया की समस्या को लेकर जिला अस्पताल पहुंचा। राजेंद्र ने कहा कि उसे खबर मिली थी कि डॉक्टरों की हड़ताल है, लेकिन जब यहां पहुंचा और ओपीडी की पर्ची कटवाई तो डॉक्टर ने जांच कर दवाएं लिखी। उपचार मिलने से राजेंद्र काफी खुश रहा।
केस 04- डोरीलाल रजक निवासी पीडब्ल्यूडी कॉलोनी लकवा और पीलिया के कारण परेशान था। रविवार को पीड़ा अधिक होने पर परिजन सोमवार को जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। यहां पर चिकित्सक ने उपचार प्रदान किया। परिजनों ने कहा कि खबर मिली थी कि हड़ताल है, लेकिन यहां पर उपचार मिल गया।
इनका कहना है
पश्चिम बंगाल में डॉक्टर की हत्या और अभद्रता से पूरा चिकित्साजगत दुखी है। डॉक्टरों में आक्रोश भी है। कार्रवाई की मांग को लेकर हड़ताल का आवाहन हुआ था। सुबह से मरीजों की संख्या को देखते हुए सभी चिकित्सकों ने संवेदना दिखाई और देरशाम तक उपचार किया गया।
डॉ. एसके शर्मा, सिविल सर्जन।