जून माह की गर्मी जानलेवा बन गई है। सुबह नौ बजे से ही भगवान भास्कर कहर बरपा रहे हैं। पारा 45 डिग्री पार कर चुका है। पहुंचा। हर कोई पसीना पसीना हो रहा है। परेशान होकर लोग गर्मी से बचने का जतन कर रहे हैं। दोपहर सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहता है। घरों में दुबकने को मजबूर लोगो की दिन चर्या जून माह ने खराब कर दी है। लोग गर्मी से बचने के लिए गन्ने का जूस, मौसमी का जूस, शिकंजी इत्यादि पेय पदार्थों का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं।
शासन के दावों की खुली पोल
सबसे खराब हालात कासगंज जिला अस्पताल के हैं। कहने को तो योगी आदित्यनाथ सरकार सरकारी अस्पतालो में तमाम आधुनिक सुविधाओं का ढिंढोरा पीट रही है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और है। अस्पताल मै भर्ती मरीज और तीमरदार हाथ के पंखा चलाकर अपना इलाज कराने को मजबूर हैं, जबकि जिम्मेदार ऐसी कलूर, पंखा की हवा लेकर जून माह की गर्मी का आनंद उठा रहे हैं।
निजी अस्पताल में कराएं उपचार
ऐसे में हमने मरीजों से बात की। उन्होंने बताया कि पंखा चलाने की बात स्वास्थ्य कर्मियों से कहते हैं तो उनका जवाब होता है कि ये सरकारी अस्पताल है, अगर एसी, कूलर, पंखे की हवा में इलाज कराना है तो निजी अस्पताल में जाएं।
जिला अस्पताल के सीएमएस प्रभारी डॉ. कृष्ण अवतार से बात की तो उन्होंने गैर जिम्मेदाराना बयान देते हुए कहा कि विद्युत की आपूर्ति पूरी तरह से खराब है। अस्पताल का बड़ा जनरेटर 17/ 18 लीटर प्रति घंटा के हिसाब से खाता है। पूरा बजट नहीं मिल पाता। आपके द्वारा मामला संज्ञान में लाया गया है, अभी इंतजाम कराते हैं।