शिक्षण संस्थानों को लेनी होगी NSQF से मान्यता: खंडेलवाल
नैशनल स्किल क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क (एन.एस.क्यू.एफ.) से सम्बद्ध करना
होगा, अन्यथा आर्थिक सहायता बंद हो सकती है
चंडीगढ़। हरियाणा की तकनीकी शिक्षण संस्थाओं, विश्वविद्यालयों, स्कूली शिक्षा विभाग और उच्चतर शिक्षा विभाग समेत तकनीकी कोर्स करवाने वाले राज्य के सभी विभागों को दिसंबर, 2016 तक अपने-आपको नेशनल स्किल क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क (एन.एस.क्यू.एफ.) से सम्बद्ध करना होगा, अन्यथा उन्हें सरकार से मिलने वाली आर्थिक सहायता बंद हो सकती है।
हरियाणा तकनीकी शिक्षा विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं हरियाणा स्किल डेवलपमैंट मिशन की उपाध्यक्ष धीरा खंडेलवाल ने हरियाणा निवास में तकनीकी शिक्षा विभाग हरियाणा द्वारा एन.एस.क्यू.एफ. के सम्बन्ध में आयोजित कार्यशाला में उपस्थितजनों को संबोधित करते हुए यह जानकारी दी।
कार्यशाला में विशेषज्ञों ने बताया कि कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय ने दिसंबर, 2013 में एक नोटिफिकेशन जारी किया था जिसमें एन.एस.क्यू.एफ. को लागू करने की समयावधि निश्चित की गई थी। नोटिफिकेशन के अनुसार, इसके जारी होने के तीन साल के बाद सरकार से वित्त-पोषित सभी प्रशिक्षण एवं शैक्षणिक संस्थाओं को विभिन्न कोर्सों में प्रवेश के लिए एन.एस.क्यू.एफ. स्तर के अनुसार अपने मानदंड अपनाने होंगे। भारत सरकार एवं केंद्र सरकार के सार्वजनिक उपक्रमों में सभी पदों की भर्ती के नियमों को एन.एस.क्यू.एफ. स्तर के अनुसार ही संशोधित करना होगा। इसके अलावा, राज्य सरकार एवं उसके सार्वजनिक उपक्रमों की संस्थाओं को भी अपने भर्ती नियमों में एन.एस.क्यू.एफ. स्तर के अनुसार ही संशोधन करने के लिए प्रोत्साहित करना होगा।
इस अवसर पर विशेषज्ञों द्वारा बताया गया कि एन.एस.क्यू.एफ. से किसी भी व्यक्ति के ज्ञान, हुनर और दृष्टिकोण के स्तर के अनुसार उसकी योग्यता निर्धारित की जाती है। एन.एस.क्यू.एफ. के दस स्तर हैं। स्तर एक बुनियादी जानकारी रखने वाला को तथा स्तर दस उन्नत किस्म की जानकारी रखने वाले व्यक्ति को दिया जाता है। उन्होंने बताया कि किस व्यक्ति को एन.एस.क्यू.एफ. का क्या स्तर दिया जाए, इसका मूल्यांकन एवं सत्यापन एक सक्षम बॉडी द्वारा किया जाता है। वर्तमान आधुनिक युग में युवाओं को नई तकनीक देकर उनको योग्यता के अनुसार रोजगार उपलब्ध करवाना भी एन.एस.क्यू.एफ. का ध्येय है।
इस अवसर पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुनील कुमार गुलाटी और तकनीकी शिक्षा विभाग के निदेशक कृष्ण कुमार कटारिया के अलावा विश्वविद्यालयों, स्कूली शिक्षा विभाग तथा उच्चतर शिक्षा विभाग समेत कई विभागों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
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