उल्लेखनीय है कि खाद्य योजना के पात्र हर परिवार के हर सदस्य को पांच किलो के हिसाब से गेहूं मिलता है। लेकिन राशन विक्रेताओं द्वारा दुकाने बंद रखे जाने से लोगों को गेहूं नहीं मिल रहा है। हर महीने की पहली तारीख से ही गेहूं का वितरण शुरू हो जाता है, लेकिन इस बार हड़ताल के चलते गेहूं नहीं मिला है।
राशन डीलरों द्वारा कलक्टर को मांग पत्र सौंपे जाने के बाद विरोध स्वरूप ब्लॉक स्तर पर पोश मशीनों को तहसील अध्यक्ष को सौंप दी गई। हालांकि अधिकारियों ने इस बारे में जानकारी नहीं होने की बात कही है। जानकारी के अनुसान जिले में करीब 555 राशन की दुकानें हैं। दो लाख लोग गेहूं प्राप्त करते हैं।
डीलरों ने रखी ये प्रमुख मांगें
राशन डीलरों की ओर से जिला कलक्टर के माध्यम से राज्य सरकार को भेजे गए ज्ञापन में कई मांगों को शामिल किया गया है। जिसमें मुख्य रूप से राशन डीलर को 30 हजार रुपए प्रतिमाह वेतन देने सहित गेहूं पर 2 प्रतिशत छीजत देने, गत छह माह का केंद्र सरकार व
राजस्थान सरकार का बकाया कमीशन दिए जाने, आधार सीडिंग की राशि, प्रवासी योजना के तहत वितरित करवाए गेहूं का कमीशन, ई-केवाईसी सिडिंग का मेहनताना आदि मुख्य रूप से मांगे हैं।
इधर राशन डीलरों का कहना है कि महंगाई के जमाने में गेहूं के कमीशन से घर चलना मुश्किल हो रहा है। ऐसे में उनको काम के एवज में वेतन मिलना चाहिए। राशन डीलरों का कहना है कि जब तक मांग पूरी नहीं होगी उनकी हड़ताल जारी रहेगी।