प्रथम दिन चंद श्रद्धालुओं की आवक रही। जिला प्रशासन के आदेश पर की पालना में सुबह 5 बजे से शाम 4 बजे तक मंदिर के पट खुले रहे। इधर मंदिर में प्रवेश करने वाले लोगों का मुख्यद्वार पर इंफ्रारेड थर्मामीटर से तापमान जांच किया गया। साथ ही गर्भग्रह में प्रवेश से पूर्व हाथ सेनिटाइज कराए गए। बाहर से आने वाले लोगों की आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट व वैक्सीन प्रणाम पत्र भी देखा गया।
पंडित मुकेश शास्त्री ने सुबह भगवान जिनेंद्र की प्रक्षाल, प्रक्षाल पूजा ,अभिषेक का दिन की शुरुआत की। उसके बाद से श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश दिया गया।दिन भर मुख्य मंदिर के अंदर सन्नाटा रहा। मंदिर खुलने पर कस्बे के व्यापारियों में खुशी देखी गई। आगामी दिनों में दर्शनार्थियों की संख्या बढने से बाजार में कारोबार शुरू होने की उम्मीद बनी है। गौरतलब है कि कस्बे के व्यवसाय धार्र्मिक पर्यटन आधारित हैं।