हाईमास्ट से दमकेगा बांध
जल संसाधन विभाग सूत्रों के अनुसार विश्व बैंक पोषित बांध सुरक्षा एवं सुरक्षा परियोजना (डीआरआईपी) अन्तर्गत बांध के विभिन्न प्रकार के सुरक्षात्मक एवं आधुनिकीकरण के कार्य शामिल किए। इसमें बांध की गैलरी का सुरक्षात्मक कार्य कराने के साथ बांध क्षेत्र में सड़क का निर्माण कार्य कराया जाएगा। इसके अलावा पूरे बांध क्षेत्र में बिजली का कार्य होगा, वहीं हाईमास्ट लाइट की रोशनी से बांध दमकेगा। इसके अलावा जल निकासी छेदों की सफाई कराने के साथ पप सेट-जनरेटर स्थापित किए जाएंगे। सुरक्षा की दृष्टि से सपूर्ण बांध क्षेत्र में तारबंदी भी कराई जाएगी। रेडियल गेटों का विशेष रखरखाव कार्य होगा। बांध स्थल पर घाटों का निर्माण एवं विकास कार्य कराया जाएगा।
बनेगी सर्विस रोड, मिलेगी राहत
कार्य के अन्तर्गत पांचना बांध की सर्विस रोड बनाई जाएगी। इसके अलावा बांध पर स्थित रेस्ट हाउस की भी मरम्मत होगी। रेस्ट हाउस से नीचे बांध से नई सीढ़ियों का निर्माण होगा। पहले तीन बार निरस्त हो चुके टेण्डर
पांचना बांध विश्व बैंक पोषित बांध सुरक्षा परियोजना में शामिल है। बांध पर कार्यों को लेकर जल संसाधन विभाग की ओर से पूर्व में तीन बार टेण्डर किए थे, जो निरस्त हो गए। जिसके चलते लबे समय से पांचना बांध पर विकास कार्य अटके पड़े हैं। जल संसाधन विभाग
जयपुर मुख्यालय की ओर से पांचना बांध के कार्यों को लेकर पिछले करीब डेढ़ वर्ष में तीन बार टेण्डर किए गए, लेकिन तीनों निरस्त हो गए।
सूत्रों के अनुसार पहले तकनीकी बिड तकनीकी कारणों से निविदा निरस्त हो गई। इसके बाद दूसरी बार आमंत्रित की गई निविदा के दौरान सफल निविदादाता की दर अनुमानित राशि से अधिक होने के कारण निरस्त करनी पड़ी, जबकि तीसरी बार के टेण्डर में किसी भी फर्म ने निविदा के प्रति रुचि नहीं दशाई, ऐसे में फिर से निविदा निरस्त करनी पड़ी थी। इसके बाद अब चौथी बार में टेण्डर प्रक्रिया पूर्ण हो सकी है।
सभी 7 गेटों की होगी मरम्मत
जल संसाधन विभाग सूत्रों के अनुसार एलएनए इन्फ्राप्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड के नाम टेण्डर हुआ है और कार्यादेश भी जारी कर दिए हैं। 12 करोड़ 11 लाख से अधिक की राशि इस टेण्डर में बांध के सभी 7 गेटों की मरम्मत का कार्य किया जाएगा। इसके अलावा स्टॉप लॉग गेट एवं सुरक्षा दीवार की भी मरम्मत शामिल है।
इनका कहना है
पांचना बांध को विश्व बैंक पोषित बांध सुरक्षा एवं सुधार परियोजना में शामिल किया है। केन्द्रीय जल आयोग से इसका अनुमोदन हो चुका है। विकास कार्यों के लिए 12 करोड़ से अधिक के टेण्डर हो चुके हैं। संबंधित फर्म को कार्यादेश भी दे दिए गए हैं। दो वर्ष में सभी कार्य पूरे होंगे। इससे पहले तीन बार टेण्डर निरस्त हो गए थे।- सुशील कुमार गुप्ता, एक्सईएन, जल संसाधन विभाग, करौली