मिठाई की काफी है डिमांड
हालांकि
करौली में सोहन पापड़ी तो सालभर मिलती है, लेकिन दिलखुश सोहन पापड़ी केवल गर्मियों में चार महीने के लिए मिलती है। इसलिए इसकी काफी डिमांड है। इस स्पेशल मिठाई को कुछ चुनिंदा मुस्लिम परिवारों के द्वारा ही बनाया जाता है। दिलखुश सोहन पापड़ी इतनी मुलायम होती है कि मुंह में रखते ही पानी हो जाती है। कहते हैं इसे खाते ही इंसान का दिल खुश हो जाता है, इसलिए इसका नाम भी दिलखुश सोहन पापड़ी पड़ा है। कारीगरों का कहना है कि करौली में इसका स्वाद केवल गर्मी के 4 महीने ही मिलता है और इसकी डिमांड भी दिल्ली, मुंबई, आगरा, जयपुर ही नहीं दुनियाभर में रहती है। करौली में यह दिलखुश सोनपापड़ी 200 किलो से लेकर 500 किलो तक बेची जाती है।
दिलखुश सोनपापड़ी खाने में यह एकदम मुलायम, कुरकुरी होने के साथ, स्वाद में भी बेहतरीन होती है। यह कम घी में शुद्ध बेसन के साथ एकदम खस्ता बनाई जाती है। करौली में अभी केवल 8 से 10 मुस्लिम परिवार ही इस मिठाई को बनाते हैं। ऐसे में करौली में इसकी काफी डिमांड रहती है। इसका थोड़ा-थोड़ा आकर कुटेमा गजक से मिलता-जुलता सा दिखाई देता है।