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करौली

मंडियों में आम का इंतजार, देर तक पड़ी सर्दी से पैदावार पर असर

गुढ़ाचंद्रजी. मौसम अनुकूल नहीं रहने से इस बार फलों के राजा आम के स्वाद के लिए लोगों को अभी कुछ दिन और इंतजार करना पड़ेगा। अमूमन १५ मार्च के बाद मंडियों में देसी कच्चे आम की आवक शुरू हो जाती थी। लेकिन इस साल फसल तैयार होने में देरी से मंडियों में आम आने में अभी करीब १५ दिन और लगेंगे। मौसम अनुकूल नहीं रहने की मार ग्रीष्मकालीन कद्दू फसलों पर भी पड़ी है। मार्च में गर्मी का टॉनिक तरबूज व खरबूजा की बंपर आवक शुरू हो जाती थी। लेकिन यह भी अभी पर्याप्त आना शुरू नहीं हुई है।

करौलीApr 05, 2022 / 03:22 pm

Jitendra

मंडियों में आम का इंतजार, देर तक पड़ी सर्दी से पैदावार पर असर

केप्शन. गुढ़ाचंद्रजी क्षेत्र के एक गांव में पेड़ पर लगी कच्ची कैरी।

गुढ़ाचंद्रजी. मौसम अनुकूल नहीं रहने से इस बार फलों के राजा आम के स्वाद के लिए लोगों को अभी कुछ दिन और इंतजार करना पड़ेगा। अमूमन १५ मार्च के बाद मंडियों में देसी कच्चे आम की आवक शुरू हो जाती थी। लेकिन इस साल फसल तैयार होने में देरी से मंडियों में आम आने में अभी करीब १५ दिन और लगेंगे। मौसम अनुकूल नहीं रहने की मार ग्रीष्मकालीन कद्दू फसलों पर भी पड़ी है। मार्च में गर्मी का टॉनिक तरबूज व खरबूजा की बंपर आवक शुरू हो जाती थी। लेकिन यह भी अभी पर्याप्त आना शुरू नहीं हुई है।
आसमान पर कैरी के दाम

कच्चे आम के नाम से प्रचलित कैरी के दाम अभी आसमान पर है। दक्षिण भारत से आम मंडियों में थोड़ी बहुत आवक जरूर हो रही है। लेकिन उसके दाम ४ गुना तक अधिक है। बाजार में कच्चा आम कैरी के भाव ८० से लेकर १०० रुपए प्रति किलो चल रहे हैं।
लंबे समय तक पड़ी सर्दी का असर

गुढाचन्द्रजी क्षेत्र में आम का जाहिरा गांव सहित नांद, गोरडा, बेरोज, राजोर, बिजलवाडा, माचड़ी आदि गांव में आम के पेड़ लगे हुए हैं। जिनमें हर वर्ष आम की पैदावार होती है। कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि इस साल सर्दी लंबे समय तक व अधिक पडऩे से आम की फसल प्रभावित हुई है। पेड़ों पर आम देरी से लगे हैं। उसके बाद मार्च में गर्मी की शुरुआत में ही तापमान की अधिकता का असर भी आम की पैदावार पर पड़ा। यूपी से बादामी, तोतापुरी व कल्मी आम की पैदावार अधिक होती है।
तापमान की अनुकूलता जरूरी

कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि आम के पेड़ों में बोर लगने के लिए १५ से ३० डिग्री सेल्सियस के बीच तापमान होना चाहिए। इसके लिए १५ जनवरी से १५ फरवरी तक का तापमान अनुकूल होता है। इसलिए हर साल इस अवधि में आम में बोर लग जाते हैं। बोर में फल लगने में १ माह का समय लगता है। इसलिए मार्च तक ही बाजार में आम की आवक शुरू हो जाती है। लेकिन इस साल २८ फरवरी तक कड़ाके की ठंड पड़ी और तापमान जरूरत से कम रहा।

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