चुनावी वर्ष के बजट में मेडिकल कॉलेज खुलने की उम्मीदें भी धराशायी हो गईं। करीब ११ माह बाद फिर से जिले के दौरे पर आ रहीं मुख्यमंत्री से लोग उम्मीद पाले बैठे हैं कि नई सौगात भले ही न मिले, लेकिन अधरझूल में लटकी पुरानी योजनाओं को गति मिले।
करीब आठ साल पहले नई रेल परियोजना को मंजूरी मिलने से जिले की खुशियों का पारावर न रहा, लेकिन यह खुशियां अब तक सपनों की पटरी नहीं बिछने से उदासी में बदल रही हैं। विभागीय उलझनों के बीच चलता हुआ काम रुक गया है। इसके लिए रेल विकास समिति लगातार रोष जता रही है। समिति उम्मीद जता रही है कि मुख्यमंत्री इसका कुछ हल निकालें, जिससे जिले के विकास को गति मिल सके।
जिले से मध्यप्रदेश की सीमा में जाने के लिए चम्बल नदी पर पुल बनाने की वर्षों पुरानी मांग पर केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री ने ओवरब्रिज बनाने का वादा किया, लेकिन यह वादा अब तक हकीकत में नहीं बदला है। अभी नदी पर बने अस्थाई पुल से लोग पैदल सफर करते हैं। यह सफर लोगों के लिए काफी जोखिम भरा है। यदि इस पुल का निर्माण हो जाता है तो जिले के लोगों की मुम्बई या अन्य शहरों में जाने के लिए २०० से २५० किलोमीटर की दूरी कम हो जाएगी।
६० साल के संघर्ष के बाद मिली मंजूरी
२०१०-११ में धौलपुर से सरमथुरा गेज कन्वर्जन एक्सटेंशन अप टू गंगापुरसिटी नाम से नई रेल परियोजना की स्वीकृति
१ फेज में धौलपुर से सरमथुरा तक गेज कन्वर्जन
२ फेज में सरमथुरा से गंगापुरसिटी तक विस्तार
२८ जून २०१३ को मिला पहला बजट
२०१४ में भूमि अवाप्ति प्रस्ताव राज्य सरकार को भिजवाकर उप मुख्य इंजीनियर धौलपुर एट ग्वालियर ने धौलपुर से मोहारी जंक्शन तक रेलवे की अपनी भूमि पर गेज कन्वर्जन का कार्यशुरू कराया।
२०१६ अक्टूबर माह में की थी पुल बनाने की घोषणा
१७ अप्रेल २०१७ को मध्यप्रदेश सरकार ने दिया अनापत्ति प्रमाण पत्र
१५० करोड़ की डीपीआर सार्वजनिक निर्माण विभाग ने चम्बल नदी अटारघाट पर पुल निर्माण के लिए बनाई
२००-२५० किलोमीटर का अतिरिक्त चक्कर बचेगा
१५० किमी का फेर लगाना पड़ रहा है कि एमपी के मुरैना, शिवपुरी और सबलगढ़ जाने के लिए।
करौली. राजस्थान राज्य भण्डार व्यवस्था निगम के अध्यक्ष जनार्दन सिंह गहलोत तीन दिवसीय यात्रा पर करौली आएंगे। निजी सहायक ने बताया कि अध्यक्ष 22 अप्रेल को करौली जिला मुख्यालय पर आयोजित आयुर्वेद हॉस्पिटल आचार्य कुलम एवं गौशाला के भूमि पूजन में भाग लेंगे।