राज्य विधानसभा में मुख्यमंत्री ने 3 मार्च को पूरक बजट पेश करने के दौरान चम्बल-पांचना जगर लिफ्ट परियोजना का काम हाथ में लेकर घोषणा की थी। बहुप्रतीक्षित मांग के पूरा होने की सौगात मिलने से लोगों पेयजल संकट से निजात मिलने की उम्मीद बंध गई। लेकिन सरकारी तौर सर्वे व डीपीआर रिपोर्ट के नहीं होने से मौके पर बजट की प्रस्तावित घोषणा नहीं हो सकी। विभागीय सूत्रों के अनुसार सरकार ने अपने चौथे बजट व पूरक बजट की गई घोषणाओं के लिए कार्यों के लिए समय सीमा तय की दी है। इसमें चम्बल -पांचना जगर लिफ्ट परियोजना को भी प्राथमिकता से शामिल किया गया है। इसके जल संसाधन विभाग द्वारा 30 जून तक विभागीय स्तर सर्वे व डीपीआर तैयार करवा कर प्रक्रिया के तहत स्वीकृति के लिए सरकार के पास भेजी जाएगी। साथ ही केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से अनापत्ति लेने के बाद 15 जुलाई को परियोजना की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृ़ति जारी की जाएगी।
चम्बल का पानी लिफ्ट कर भद्रावती नदी के जरिए पांचना बांध में लाने की परियोजना के लिए गांव दानालपुर निवासी भारतीय लेखा सेवा के अधिकारी ताराचंद मीणा की सर्वे अध्ययन रिपोर्ट आधार बनीं है। वरिष्ठ मण्डल लेखा अधिकारी के पद पर कार्यरत ताराचंद ने आक्षेपों के चलते केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय में लंबित चम्बल लिफ्ट परियोजना की आधा दर्जन डीपीआर का अध्ययन किया। और 15 माह की मेहनत से 200 पेज की सर्वे अध्ययन रिपोर्ट तैयार की। जलसंसाधन विभाग के अधिकारियों से मशबिरे के बाद करौली जिले के विधायको सहित गंगापुरसिटी विधायक तथा भरतपुर जिले के दो मंत्रियों मुख्यमंत्री को रिपोर्ट सौप पूवक बजट में शामिल करवाया।
वरिष्ठ मंडल लेखा अधिकारी तारांचद मीणा ने बताया कि बजट में घोषणा के बाद जल संसाधन विभाग द्वारा डीपीआर तैयार की जाएगी। उनके द्वारा तैयार की गई अध्ययन रिपोर्ट के मुताबिक परियोजना पर करीब 350 करोड़ रुपए की लागत का कयास हैं।