समारोह में डीआईजी ने छात्र-छात्राओं ने पाठ्यक्रम पढाई के अलावा सीखने पर जोर देना चाहिए। उन्होंने कि मैं कमजोर हूं की हीनभावना को त्याग मन में स्वयं को श्रेष्ठ मानना चाहिए। इस दौरान डीआईजी गौड़ ने अपने छात्र जीवन के अनुभव साझा किए।गौड़ ने कहा कि इस स्कूल में बतौर विद्यार्थी दाखिला ले पढ़ाई करने से लेकर व आज मंच पर अतिथि के रूप में आने में उन्हें चालीस वर्ष लग गए। उन्होंने छात्रों से कहा कि लगन से पढ़ाई कर वे इस सफर को महज दस वर्ष में ही तय कर सकते हैं।
छात्रों को सफलता का मंत्र देते हुए डीआईजी ने कहा कि किताबी पढ़ाई से ज्यादा सीखने की ललक महत्वपूर्ण है। इसी से टेलेंट विकसित होता है, जो पढ़ाई के अलावा दूसरे क्षेत्र में भी कामयाबी की राह दिखता है। इस दौरान डीआईजी लक्ष्मण गौड़ कांग्रेस जिलाध्यक्ष ओमप्रकाश मामू, नगरपषिद उपसभापति नफीस अहमद ने मेधावियों को सिल्वर मैडल प्रदान किए।
प्रधानाचार्य प्रतिभा शर्मा ने बताया कि अतिथियों द्वारा मां सरस्वती के चित्रपट के समक्ष दीप प्रज्वलन के साथ शुरू हुए समारोह में बालिका ख्बाहिश पाराशर ने नृत्य को दर्शकों को मोहित किया। वहीं पूर्व छात्र रंगमंच कलाकार हीरालाल महावर ने नारी के वेश में सजकर नृत्य की नयनाभिराम प्रस्तुति से लोगों को चकित कर दिया।