अधिवक्ता केके पुरी ने बताया कि प्रकरण के अनुसार वर्ष 2005 में 17 अगस्त को हिण्डौन सिटी में स्थानीय निकाय के चुनाव के लिए मतदान हो रहा था। वार्ड 27 के कांग्रेस प्रत्याशी भगवान सहाय शर्मा अपने गृह वार्ड 4 में मतदान करने गए थे। जहां उनका भतीजा जीतेंद्र पोलिंग एजेंट के रूप में मतदान केन्द्र पर था।
दोपहर 2.30 बजे मतदान केंद्र पर तैनात उपनिरीक्षक मनोज सिंह व कांस्टेबल शिवदयाल सहित उनके साथी फर्जी मतदाताओं को प्रोत्साहित कर रहे थे। विरोध करने मनोजसिंह व शिवदयाल ने कांग्रेस प्रत्याशी भगवान सहाय शर्मा से लाठियों से मारपीट कर दी।
यह भी पढ़ें बचाने आने पर पोलिंग एजेंट भतीजे जीतेंद्र से भी मारपीट कर दी। करीब डेढ़ दशक से अधिक समय तक न्यायालय में विचारणार्थ रहे प्रकरण में सुनवाई के दौरान 5 गवाहों के बयान दर्ज किए गए।