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कानपुर

मोदी-शाह और योगी नहीं, ये हैं त्रिपुरा में बीजेपी की जीत के असली हीरो, असम-मणिपुर में भी दिलाई थी सफलता

राम माधव के प्रस्ताव पर उन्होंने बीजेपी के इलेक्शन कैंपेनर बनने की सहमति दी थी…

कानपुरMar 04, 2018 / 11:05 am

नितिन श्रीवास्तव

Rajat Sethi behind BJP win in Tripura election

मोदी-शाह और योगी नहीं, ये हैं त्रिपुरा में बीजेपी की जीत के असली हीरो, असम-मणिपुर में भी दिलाई थी सफलता

कानपुर. त्रिपुरा में भारतीय जनता पार्टी की शानदार जीत का असली मास्टरमाइंड कानपुर का मैनेजमेंट रहा। बीजेपी की जीत में कानपुर के बर्रा बाईपास के रहने वाले इलेक्शन कैंपेनर रजत सेठी की अहम भूमिका रही। रजत सेठी बीजेपी के कैंपेनिंग हेड हैं। रजत के साथ शुभ्रस्‍था का भी इस जीत में बड़ा योगदान है। शुभ्रस्‍था दिल्ली के मिरांडा हाउस कॉलेज से पासआउट हैं। वह प्रशांत किशोर के साथ भी काम कर चुकी हैं और बिहार चुनाव के समय उनके साथ थीं।
दो करोड़ सालाना की थी जॉब

वीके सेठी और नलिनी सेठी के बेटे रजत सेठी ने आईआईटी खड़गपुर से कंप्यूटर साइंस में एमटेक किया था। इसके बाद 2 साल वह अपनी कंपनी बनाकर काम करते रहे। फिर हावर्ड यूनिवर्सिटी यूएसए से मास्टर इन पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन किया। इसके बाद MBA इन फाइनेंस किया। फिर रजत सेठी को जंब ग्लोबल कंसल्टेंट कंपनी में दो करोड़ सालाना की जॉब मिल गआ। इस दौरान उन्होंने USA में भारतीय समुदाय पर आयोजित एक कार्यक्रम का जिम्मा संभाला।
बीजेपी को दिलाई शानदार सफलता

2015 में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव हॉवर्ड यूनिवर्सिटी लेक्चर देने पहुंचे तो रजत सेठी की मुलाकात उनसे हुई। राम माधव के प्रस्ताव पर उन्होंने बीजेपी के इलेक्शन कैंपेनर बनने की सहमति दे दी। यहां आकर असम विधानसभा के चुनाव में बीजेपी के चुनाव प्रचार का जिम्मा संभाला और उन्हें जबर्दस्त सफलता भी मिली। इसके बाद रजत सेठी ने मणिपुर में बीजेपी के प्रचार का जिम्मा संभालते हुए सफलता दिलाई। अब त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी को शानदार जीत दिलाई। त्रिपुरा में भी प्रचार का जिम्मा रजत सेठी पर ही था।
विचारधारा से प्रभावित

रजत और शुभ्रस्‍था ने मिलकर बीजेपी के प्रचार की कमान संभाली। उनका कहना है कि वे भाड़े पर काम करने के बजाय विचारधारा से प्रभावित राजनीतिक उद्यमी हैं। यही बात उन्‍हें प्रशांत किशोर से अलग करती है। सेठी ने बताया मैं बाजार की ताकतों से नहीं बल्कि विचारधारा के अनुसार चलता हूं। वहीं शुभ्रस्‍था का कहना है कि अगर मुझे 1000 करोड़ रुपये भी ऑफर किए जाएं तो भी मैं कांग्रेस के लिए काम नहीं करूंगी। दोनों बताया कि ने राजनीतिक माहौल को समझने के लिए कंप्‍यूटर और मोबाइल सॉफ्टवेयर की मदद ली। सभी नए विचारों को सबसे पहले सोशल मीडिया पर लागू किया। रजत ने बताया कि सरल स्वभाव के त्रिपुरा निवासियों को हमने सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने की सलाह दी। उन्हें बताया कि वे निर्भीक होकर मतदान करें और बदलाव का संवाहक बनें। हमारी टीम ने स्थानीय लोगों में पैठ बनाई व सही स्वरूप को सामने रखा।

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