2300 डॉक्टर हड़ताल पर गए
राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) विधेयक के National Medical Commission विरोध में शहर के करीब 2300 डॉक्टरों ने ओपीडी सेवाएं बंद कर अपने-अपने घरों में चले गए Doctors shut down OPD services । जिसके चलते इलाज के लिए आए मरीज तड़पते रहे। परिजन उन्हें हैलट, उर्सला सहित अन्य अस्पतलों में लेकर गए, लेकिन वहां भी भीड़ ज्यादा होने के चलते डॉक्टर मरीजों को देख नहीं पा रहे। वहीं आईएमए अध्यक्ष डॉक्टर अर्चना भदौरिया ने बताया कि बुधवार सुबह छह बजे से गुरुवार सुबह छह बजे तक डॉक्टर हड़ताल पर रहेंगे। इस दौरान जिले के नर्सिंगहोम 384, डायग्नोस्टिक सेंटर व पैथोलॉजी 182 और सीटी स्कैन व एमआरआई 31 में मरीजों का इलाज नहीं होगा।
इस वजह से कर रहे विरोध
आईएमए अध्यक्ष डॉ. अर्चना भदौरिया IMA President Dr. Archana Bhadauria ने कहा कि लोकसभा ने कल हमारे हितों का ध्यान नहीं रखा। कहा सरकार हमारी सुनने को तैयार नहीं है। हमारा सबसे बड़ा विरोध सेक्शन 32 से है, जो 3.5 लाख नौसिखियों को प्रैक्टिस करने की इजाजत देता है। इस बिल से नीम हकीम भी डॉक्टर बन जाएंगे। प्राइवेट कॉलेज अब अपनी मनमर्ज़ी से फ़ीस तय कर सकेंगे। गरीब बच्चों का पढ़ना मुश्किल हो जाएगा। इससे भ्रष्टाचार बढ़ेगा। हम सरकार से अपील करते हैं कि इस बिल के कई प्रावधानों को हटाया जाए। डॉक्टर अर्चना ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाएं बंद हैं लेकिन गंभीर मरीजों को देखा जा रहा है, इमरजेंसी की सेवाएं प्रभावित नहीं हैं।
इधर-उधर भागे मरीज
अस्पतालों के अलावा डायग्नोस्टिक सेंटर व पैथोलॉजी में तालेबंदी से मरीज खासे परेशान दिखे। स्वरूप नगर, आर्यनगर, हर्षनगर सहित अन्य इलाकों में मरीज जांच के लिए दौड़ लगाते रहे। चांदनी अस्पताल में इलाज के लिए जहानाबाद से आए बिंद्रा प्रसाद ने बताया कि लीवर में इन्फेक्शन का इलाज चल रहा था। डॉक्टर ने आज बुलाया था, लेकिन ओपीडी और पैथालॉजी बंद होने के कारण इलाज और जांच नहीं हो सकी। हमीरपुर से आए राहुल ने बताया कि स्वरूप नगर स्थित खून की सीबीसी जांच कराने आए थे, लेकिन पैथालॉजी बंद होने के चलते हमें हैलट जाना पड़ रहा है।
सरकारी अस्पताल फुल
प्राईवेट अस्पतालों की ओपीडी सेवाएं बंद होने पर सरकारी अस्पताल फूल हो गए हैं। अस्पताल प्रशासन ने सभी डॉक्टरों की छुठ्टियां रद्द कर दी हैं। एलएलआर अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर आरके मौर्या ने बताया कि इमरजेंसी में और सीनियर रेजीडेंट्स और जूनियर रेजीडेंट्स की ड्यूटी लगा दी गई है। उर्सला अस्पताल के कार्यवाहक निदेशक डॉक्टर शैलेंद्र तिवारी के मुताबिक आइसोलेशन वार्ड को सही करा दिया गया है। बुजुर्ग रोगियों के लिए जीरिएट्रिक वार्ड भी है। कांशीराम संयुक्त चिकित्सालय के सीएमएस डॉक्टर एसके पांडेय का कहना है कि किसी तरह की कोई समस्या नहीं होगी। उनके यहां बेड सुरक्षित हैं।