साढ़ थाने की भीतरगांव चौकी के तत्कालीन प्रभारी राजेश बाजपेई बताते हैं कि बेहटा बुजुर्ग के एक खेत किनारे नीम के पेड़ से शव लटके होने की सूचना मिली थी। पेड़ अहमद हसन के खेत किनारे था। नीम के ऊपर डालियों के बीच फंदे में फंसी लाश में सिर्फ कंकाल बचा था। पेड़ के नीचे नौ नंबर साइज की नीली पुरानी चप्पल मिली थी। कंकाल के ऊपर शर्ट-पैंट थी।
डीएनए रिपोर्ट का इंतजार
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, राजेश बाजपेई बताते हैं कि पंचायतनामा होने के बाद शव को पोस्टमार्टम हाउस ले जाया गया, जहां कंकाल से सैंपल निकाल डीएनए जांच के लिए विधि विज्ञान विभाग प्रयोगशाला झांसी भेजा गया था। इसके बाद कंकाल को सुरक्षित रखने को कहा गया। पोस्टमार्टम हाउस के कर्मचारियों ने कंकाल को वहां रखने से मना कर दिया। तब लकड़ी का ताबूत बनाकर कंकाल को वापस भीतरगांव चौकी के एक कमरे में रखना पड़ा। तब से आज भी पुलिस कस्टडी में कंकाल रखा है।