रविवार की सुबह गिरफ्तार दयाशंकर के पैर में गोली लगी है। उसके दो बेटियां और पत्नी है। दयाशंकर ने बताया कि 3 साल की उम्र में ही उसके माता-पिता का निधन हो गया उसके बाद उसे विकास दुबे के माता-पिता ने पाला और शादी विवाह कराया। वह उनके घर में रहकर खाना बनाने और पशुओं को चारा पानी करने का काम करता था। दयाशंकर ने बताया कि घटना के दिन चौबेपुर थाने से विकास के मोबाइल पर रात करीब 8.30 बजे एक फोन आया। दयाशंकर ने बताया कि फोन आने के बाद विकास बहुत गुस्से में था। वह बड़बड़ा रहा था-सभी को कफन में भेजूंगा। इस फोन के बाद विकास बौखला सा गया था। उसके सिर पर खून सवार हो गया था। गुस्से में वह बाग की तरफ चला गया जब लौटा तब उसके साथ पूरी फौज थी। उसने सभी को पूरा प्लान बताया और फिर पुलिस के आने का इंतजार करने लगा। पुलिस टीम को घेरने की तैयारी के लिए बिकरू गांव के मुख्य मार्ग से उसके घर की ओर आने वाली सड़क पर जेसीबी को खड़ा किया गया।