स्टेशन से टर्मिनल बनने पर ट्रेनों की संख्या बढ़ेगी और यात्रियों का लोड भी ज्यादा हो जाएगा। जिससे टर्मिनल की आय में बढ़ोत्तरी होगी। इस समय यहां से प्रतिदिन १२ हजार यात्रियों की आवाजाही है, जबकि ३६ टे्रनें इस स्टेशन से होकर गुजरती हैं। टर्मिनल बनने के बाद यहां से ट्रेनों की संख्या बढ़ेगी।
इस समय आठ टे्रनें तो अनवरगंज में ही टर्मिनेट होती हैं। जिसमें फैजाबाद इंटरसिटी, चौरीचौरा एक्सप्रेस, कासगंज और प्रयाग पैसेंजर प्रमुख हैं। हालांकि ये ट्रेनें सेन्ट्रल तक जाती हैं, जिस वजह से तमाम यात्री सेंट्रल से ही सवार होते हैं। टर्मिनल बनने के बाद ये ट्रेनें भी अनवरगंज से सीधे चलेंगी।
अनवरगंज से फर्रुखाबाद के बीच इलेक्ट्रिक लाइन बिछाने का कार्य अंतिम चरण में है। इस साल तक यह काम पूरा हो जाएगा, जिसके बाद मथुरा तक भी विद्युतीकरण पूरा कर लिया जाएगा। मैनपुरी से इटावा के बीच ६५ किलोमीटर की लाइन पडऩे से यह रूट फर्रूखाबाद और भोगांव होते हुए दिल्ली-हावड़ा रूट से जुड़ जाएगा। जिसका फायदा कानपुर से फर्रूखाबाद के बीच यात्रियों को भी मिलेगा।
अनवरगंज स्टेशन पर ट्रेनों और यात्रियों का लोड बढ़ाए जाने से यहां के प्लेटफार्म भी बढ़ेंगे। रेलवे बोर्ड ने यहां नौ नए प्लेटफार्म बनाने की मंजूरी दी है, लेकिन यहां पर जगह कम होने के कारण फिलहाल दो नए प्लेटफार्म बनाने की तैयारी है। जिससे यहां पर अब पांच प्लेटफार्म हो जाएंगे। कानपुर सेंट्रल के निदेशक हिमांशु शेखर उपाध्याय ने बताया कि अनवरगंज को टर्मिनल बनाने के लिए प्लेटफार्म और वाशिंग लाइन, स्टेबिल लाइन बनाने के साथ यात्रियों की संख्या बढ़ाने पर रेलवे विचार कर रहा है।