आईआईटी के एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग के वैज्ञानिक ड्रोन टेक्नोलॉजी पर लगातार नए शोध कर रहे हैं। संस्थान के वैज्ञानिक प्रो. अभिषेक व इंक्यूबेट कंपनी इंड्योर एयर के रामा कृष्णा व चिराग जैन की टीम ने मिलकर हॉक तैयार किया है। सेना के सामने आने वाली चुनौतियों को देखते हुए वैज्ञानिकों ने करीब दो साल की मेहनत के बाद इसे विकसित किया है। यह अब तक का सबसे छोटा ड्रोन है। इस ड्रोन पर बारिश नमी का कोई खास असर नहीं होगा।
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खत्म हुई बोर्ड छात्रों की प्रैक्टिल परीक्षा, इस तारीख को आ सकता है रिजल्ट बारिश या अत्यधिक नमी का भी हॉक पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ता है। यह खराब मौसम में भी अच्छी फोटो व वीडियो उपलब्ध कराता है। इसमें अत्याधुनिक व नाइटविजन कैमरे लगे हैं। इनकी मदद से ड्रोन दिन-रात, किसी अंधेरे कमरे या स्थान की भी निगरानी कर सकता है।
हॉक दो किमी की दूरी से भी सीधी (लाइव) जानकारी देने में सक्षम है। इससे मिलने वाली जानकारी को कंट्रोल रूम में रखे लैपटॉप पर छह बाई छह सेमी की स्क्रीन पर देख सकते हैं। यह ड्रोन लगातार 25 मिनट तक 14000 फुट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है।
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50 हजार मस्जिदों के मंदिर होने का दावा, देश में पैदा करेगा अशांति, ताजमहल और कुतुबमीनार पर क्या बोले हॉक उड़ान के दौरान कमांडर के निर्देश का पालन करता है। किसी कारण से कमांडर का नेटवर्क टूट जाता है तो वह पहले से फीड स्थान पर जीपीएस की मदद से पहुंच जाता है और निगरानी जारी रखता है।
25 मिनट उड़ सकता है 14000 फीट ऊंचाई तक उड़ सकता है बॉडी कंपोजिट मैटेरियल मटीरियल की है बनाने में करीब 2 साल दिन लगे करीब 20 से अधिक ट्रायल हो चुके