उत्तर प्रदेश के कानपुर कमिश्नर रेट पुलिस ने एसीपी के विरुद्ध मामला दर्ज होने के बाद उन्हें पुलिस हैडक्वाटर से अटैच कर दिया गया। लेकिन एसीपी ने पुलिस हेड क्वार्टर में अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं कराई। बीमारी की जानकारी देते हुए छुट्टी पर चले गए। मुकदमा रद्द कराने के लिए एसीपी मोहसिन खान हाई कोर्ट की शरण में गए हैं। जहां उनका मुकदमा समाजवादी पार्टी के जेल में बंद पूर्व विधायक के वकील इरफान उल्लाह और विक्रम सिंह देखेंगे। 16 दिसंबर को याचिका दाखिल की गई है। जिसमें कहा गया है कि एसीपी के खिलाफ दर्ज मुकदमा रद्द किया जाए। याचिका के साथ महत्वपूर्ण दस्तावेज भी प्रस्तुत किए गए हैं। जिसमें उन्होंने दावा किया है कि आईआईटी छात्र के साथ कोई धोखा नहीं किया गया है।
बंगाल की रहने वाली आईआईटी छात्रा ने लगाया आरोप
बंगाल की रहने वाली आईआईटी कानपुर की छात्रा ने एसीपी पर शादी का झांसा देकर शारीरिक शोषण करने का आरोप लगाया था। पीड़िता ने बताया था कि अपनी पत्नी से तलाक की जानकारी देकर एसीपी ने उसके साथ नजदीकी बनाई। अपनी बातों को रखने के लिए उन्होंने व्हाट्सएप चैट, वीडियो, ऑडियो का भी इस्तेमाल किया है। मामले की जांच के लिए डीसीपी साउथ अंकित शर्मा के नेतृत्व में एसआईटी गठन की गई है। एसआईटी, आईआईटी पहुंचकर पीड़िता से पूछताछ और वहां के सीसीटीवी फुटेज को भी अपने कब्जे में ले चुकी है।
हिंदू संगठनों में रोष व्यक्त किया
एसीपी मोहसिन खान की गिरफ्तारी न होने पर हिंदू संगठनों ने रोष व्यक्त किया है। बजरंग दल ने एसीपी की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की है। उन्होंने कहा मुकदमा दर्ज होने के बाद मजिस्ट्रेट बयान भी हो चुके हैं, मेडिकल भी हो चुका है। इसके बाद भी पुलिस एसीपी को गिरफ्तार नहीं कर रही है। जो पुलिस पर भी सवाल उठा रही है।