तेजस्वी यादव ने बताया “संविधान विरोधी”
इससे पहले, बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर हमला बोला और उन पर और उनकी पार्टी पर “संविधान विरोधी” होने और नफरत फैलाने का आरोप लगाया। बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता (एलओपी) यादव ने कहा, “बाबासाहेब अंबेडकर हमारे फैशन और जुनून हैं। वे हमारी प्रेरणा और प्रेरणा भी हैं। हम किसी को भी बाबासाहेब अंबेडकर का अपमान नहीं करने देंगे। ये लोग संविधान विरोधी हैं जो नफरत फैलाते हैं और संसद में इस्तेमाल की गई भाषा निंदनीय है।” कांग्रेस सांसद मनिकम टैगोर ने गुरुवार को लोकसभा में गृह मंत्री से माफ़ी मांगने के लिए स्थगन प्रस्ताव पेश किया। उन्होंने कहा, “उन्होंने (गृह मंत्री अमित शाह) संसद के अंदर बाबा साहब अंबेडकर का अपमान किया। इसलिए, आज हमने उनके माफ़ी मांगने और मंत्रिमंडल से इस्तीफ़ा देने के लिए स्थगन प्रस्ताव पेश किया है…” कांग्रेस सांसद के सुरेश ने कहा, “कल भी हमने अमित शाह के खिलाफ़ स्थगन प्रस्ताव पेश किया था क्योंकि उन्होंने संविधान पर बहस के दौरान राज्यसभा में एक टिप्पणी की थी। आज भी हम इस पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव दे रहे हैं क्योंकि अमित शाह के बयान का पूरे देश में विरोध हो रहा है। पूरा देश अमित शाह के खिलाफ़ प्रदर्शन कर रहा है। अंबेडकर पर उनकी टिप्पणी असहनीय है…”
शाह के बयान पर विपक्ष ने खोला मोर्चा
कांग्रेस और अन्य विपक्षी सदस्यों द्वारा राज्यसभा में अपने भाषण के दौरान गृह मंत्री अमित शाह द्वारा कांग्रेस पर हमला करने के दौरान बीआर अंबेडकर से संबंधित टिप्पणी के विरोध में बुधवार को लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी गई। कांग्रेस द्वारा अमित शाह के इस्तीफ़े की मांग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा अन्य भाजपा नेताओं द्वारा विपक्षी पार्टी पर हमला करने के साथ ही यह मुद्दा एक बड़े राजनीतिक विवाद में बदल गया। अमित शाह ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कांग्रेस पर “बीआर अंबेडकर विरोधी और संविधान विरोधी” होने का आरोप लगाया। कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा उनके इस्तीफे की मांग पर प्रतिक्रिया देते हुए शाह ने कहा कि इससे कांग्रेस पार्टी के भाग्य पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। शाह ने दावा किया कि उनके इस्तीफे के बावजूद कांग्रेस पार्टी अगले 15 साल तक विपक्ष में ही रहेगी।
सोर्स- ANI