ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि जब तक शिक्षा जन जन तक नहीं पहुंचेगी। तब तक समाज की बेहतरी नहीं आएगी। अच्छी सोच नहीं आएगी। आमिर का बेटा प्राइवेट स्कूल में ‘क’ से कंप्यूटर पढ़ता है तो गरीब का लड़का सरकारी स्कूल में ‘क’ से कबूतर पढ़ता है। एक समान शिक्षा और फ्री शिक्षा होनी चाहिए।
इस देश में डीएम, एसपी, डीआईजी, आईजी, राज्यपाल, मुख्यमंत्री के लड़के को आरक्षण मिल रहा है। जबकि आरक्षण गरीब और कमजोर को ऊपर उठने के लिए बनाया गया है। आरक्षण के दायरे में आकर जिन्होंने लाभ ले लिया है, उन्हें बाहर निकल जाए। ऐसे लोगों को आरक्षण नहीं मिलना चाहिए।
सत्ता में होते हुए भी आपकी बात नहीं सुनी गई पर उन्होंने बताया कि भगवान राम का मंदिर कड़े संघर्षों के बाद बना है। हम भी अपनी बात एनडीए की बैठक में रखते हैं। हमारा काम है जनता को जागरूक करना, जनता अपने हक के लिए लड़े। जनता को रोटी कपड़ा मकान शिक्षा और दवा मिलना चाहिए। रोजगार वाली शिक्षा मिलनी चाहिए। लैपटॉप, रेडियो, कंप्यूटर, पंखा आदि में ट्रेंड करने के लिए एक विषय अनिवार्य कर दिया जाए। युवक के हाथ में हुनर होता तो कहीं भी काम करके पैसा कमा सकता है।
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सपा की तुलना कीचड़ से की
एक सवाल के जवाब में ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि अखिलेश यादव की सरकार के दौरान आप भी लिखते थे ‘एम वाई’। ‘एम’ को नफरत दी जाती थी और ‘वाई’ को अधिकार दिया गया। जातियों के नाम गिनाते हुए उन्होंने कहा कि इन्हें 5 साल में कोई भी लाभ नहीं दिया गया। थाना में भी अन्य पिछड़ी जातियों की अपेक्षा की गई। उन्होंने सवाल किया कि अपने जिले में देख लें क्या किसी थाना में दूसरी पिछड़ी जातियों को लाभ दिया गया है। एक उदाहरण बता दें कि जिले में एक दरोगा बनाया गया हो। बोले कीचड़ को साफ करने के लिए कीचड़ में गिरना पड़ता है।