CG News: सहकारी कर्मचारियों की हड़ताल से राशन वितरण प्रभावित
CG News: तीन सूत्रीय मांगों को लेकर सहकारी समितियों के कर्मचारियों ने अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू कर दिया है। जगदलपुर में संभागीय स्तर पर बस्तर सभांग के सातों जिलों के कर्मचारियों ने धरना प्रदर्शन किया है। सहकारी कर्मचारियों की हड़ताल से राशन वितरण प्रभावित हो गया है। धान खरीदी की तैयारी भी नहीं हो पाई है। ऐसे में किसानो की चिंता बढ़ गई है कि 14 नवम्बर से धान खरीदी प्रारंभ हो जाएगी। परंतु धान खरीदी करने वाले कर्मचारी आंदोलन पर चले गए है तो अब ऐसे में धान की खरीदी कौन करेगा।
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सहकारी कर्मचारी अपनी मांग को लेकर अड़ गए है कि वह तभी काम पर जाएंगे जब सरकार उनकी मांगों को पूरी कर देगी। अगर सरकार इसी तरह से मांगो को अनदेखा करती रही तो आदोलन जारी रखेगें। आंदोलन पर बैठे कर्मचारियों का कहना है कि वह लगातार कई सालों से शासन प्रशासन को अपनी मांगों से अवगत कराते आ रहे हैं। इसके बाद भी उनकी मांगो को प्रशासन द्वारा अनदेखी किया जा रहा है। मांगो पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है जिससे आक्रोशित सहकारी कर्मचारियों ने अनिश्चितकालीन आंदोलन
धान खरीदी केन्द्रों में लगे ताले
कांकेर जिले के सातो विकासखंड दुर्गूकोदल, कांकेर, नरहरपुर, चारामा, भानुप्रतापपुर, अंतागढ़, कोयलीबेड़ा के सभी सहकारी समिति के कर्मचारी संभाग स्तर में शामिल होकर हड़ताल में शामिल हो रहे है। जिसे
विकासखंड के सभी सहकारी समिति में ताले लगे हुए हैं जिसे लोगों को परेशानी जा रही है। वहीं 14 नवंबर से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी प्रारंभ होने की घोषणा सरकार द्वारा की गई है जिसे लेकर किसानों में भी परेशानी हो रही है।
संघ के प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र साहू ने बताया कि प्रदेश शासन द्वारा 14 नवंबर से धान खरीदी शुरू की जा रही है। विडंबना यह है कि पिछले साल के धान खरीदी का कमीशन अब तक समितियों को नहीं दिया गया है। बारदाना की राशि, ब्याज अनुदान अप्राप्त है। उधर समितियों में कर्मचारियों को वेतन के लाले पड़े हैं। चरणबद्ध आंदोलन 18 अक्टूबर से चल रहा है। लंबे समय से सहकारी कर्मचारी शासन के सामने अपनी मांगों को रख रहे हैं। इसके बाद भी मांगें पुरी नहीं हुई है। ऐसे में प्रदेशभर के कर्मचारियों में नाराजगी है।
कर्मचारियों की मांगे
कर्मचारियों की मांग है कि मध्यप्रदेश की तर्ज पर छग में भी प्रत्येक समिति को प्रति वर्ष 3-3 लाख रुपए प्रबंधकीय वेतन अनुदान राशि दी जाए। सेवा नियम 2018 में आंशिक संशोधन करते हुए पुनरीक्षित वेतनमान लागू करने और समर्थन मूल्य पर धान खरीदी किया जाए। वर्ष 2023-24 में धान संग्रहण के बाद हुई संपूर्ण सूखत को मान्य करते आगामी वर्ष के लिए धान खरीदी में सूखत मान्य किया जाए।