scriptCG News: मां की मदद करने नौकरी छोड़ बने किसान, आज हर माह लाखों की सब्जियां उगाकर 50 को दे रहे रोजगार | He left his job to help his mother and became a farmer | Patrika News
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CG News: मां की मदद करने नौकरी छोड़ बने किसान, आज हर माह लाखों की सब्जियां उगाकर 50 को दे रहे रोजगार

2005 से 2015 के बीच सरकारी शिक्षक रहते जहां वे अकेले अपने परिवार का जीवन-यापन कर रहे थे। वहीं 2015 से आज 2024 आते तक न केवल वे खेती से हर महीने तगड़ा मुनाफा कमा रहे हैं।

कांकेरDec 23, 2024 / 10:15 am

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CG News: बुढ़ापे में मां को खेती करता देख एक शिक्षक ने नौकरी छोड़ दी। कलम, किताब छोड़कर खेतों में उतर गए। खेती के पारंपरिक तौर-तरीकों से शुरुआत में उन्हें काफी परेशानी आई। इसके बाद उन्होंने किसानी में उन्नत तकनीकों का इस्तेमाल शुरू किया। 2005 से 2015 के बीच सरकारी शिक्षक रहते जहां वे अकेले अपने परिवार का जीवन-यापन कर रहे थे। वहीं 2015 से आज 2024 आते तक न केवल वे खेती से हर महीने तगड़ा मुनाफा कमा रहे हैं, बल्कि 50 लोगों को भी रोजगार दे रहे हैं।
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कांकेर जिले में भानुप्रतापपुर ब्लॉक के मोहगांव में रहने वाले संजय बेलसरिया ने शिक्षक की नौकरी छोड़ आधुनिक पद्धति से सब्जी की खेती शुरू की। अब वे हर महीने लाखों कमा रहे हैं। संजय के परिवार में उनकी मां हिरई खेती करती थीं। यही देखकर संजय ने खेती अपनाने का विचार किया। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा के बाद 2005 में शिक्षक की नौकरी प्राप्त की। करीब 10 साल नौकरी करने के बाद 2015 में उन्हें अपने परिवार के कृषि कार्य में सहयोग करने की इच्छा हुई। उन्होंने नौकरी छोड़ दी। इसके बाद पारंपरिक खेती के बजाय उन्नत तकनीकों का उपयोग से खेती शुरू की।
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती को यादगार बनाने के लिए 2001 में 23 दिसंबर को राष्ट्रीय किसान दिवस मनाने की शुरुआत की गई थी। गौरतलब है कि चौधरी चरण सिंह के कार्यकाल में किसानों के लिए देश में कई महत्वपूर्ण योजनाएं शुरू की गईं। इस दिन को मनाने का उद्देश्य किसानों की मेहनत और उनके योगदान को सम्मानित करना है। 2024 में इस दिन की थीम ‘टिकाऊ कृषि पद्धतियां और कृषि प्रौद्योगिकी’ है।

फसल खराब होती है, मन खराब नहीं करते

संजय ने बताया, वे अपने क्षेत्र के दूसरे किसानों को भी कृषि की आधुनिक पद्धतियों के बारे में सिखा रहे हैं। उन्होंने बताया कि एक बार दो एकड़ में करेला उगाया। खराब मौसम के चलते बड़ी मात्रा में फसल खराब हो गई। काफी नुकसान उठाना पड़ा। हालांकि, ऐसी स्थिति में वे मन खराब किए बिना तल्लीनता से काम में लगे रहते हैं।
उनकी मानें तो इसी सकारात्मक सोच से वे खेती में मुनाफे में हैं। इस बार उन्होंने 3 एकड़ में खीरा लगाया है। इससे उन्हें अच्छे मुनाफे की उम्मीद है। फार्म में काम करने वाली हीना चुरेंद्र ने बताया, उन्हें यहां पूरे साल काम मिलता है। कहीं जाए बिना गांव में ही रोजगार पा रही हैं। सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक काम करती हैं।

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