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Jodhpur News: जोधपुर में 22 NLU के कुलपतियों ने कहा, भविष्य में बहस सुनेंगे AI जज, तेजी से निपटेंगे मुकदमे

AI Judge in Court: सुप्रीम कोर्ट सहित देश के हाईकोर्ट में एआइ का उपयोग शुरू हो चुका है। फिलहाल इसका उपयोग ज्यूडिशियल डॉक्यूमेंट्स के एक भाषा से दूसरी भाषा में ट्रांसलेशन करने, लीगल रिसर्च और ऑटोमेटिव मल्टीपल प्रोसेस में हो रहा है।

जोधपुरJan 20, 2025 / 09:12 am

Rakesh Mishra

प्रतीकात्मक तस्वीर

AI Judge: राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय जोधपुर (एनएलयूजे) में आयोजित दो दिवसीय वाइस चांसलर्स समेलन में विधि शिक्षा और न्याय व्यवस्था में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) के उपयोग का मुद्दा छाया रहा। सम्मेलन में 22 एनएलयू के कुलपति शामिल हुए। लगभग सभी कुलपतियों ने एआइ पर अपने विचार रखे।

इस पर और शोध की जरूरत

उनका कहना था कि पश्चिमी देशों में जज की कुर्सी पर अब इंसान के समानांतर एआइ जज नजर आ रहे हैं जो वकीलों की जिरह सुनने के बाद मशीन लर्निंग व एआइ का उपयोग कर तेजी से फैसले भी सुना रहे हैं। आने वाले समय में भारत में भी एआइ जज हो सकते हैं, लेकिन अभी इस पर और शोध की जरूरत है।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट सहित देश के हाईकोर्ट में एआइ का उपयोग शुरू हो चुका है। फिलहाल इसका उपयोग ज्यूडिशियल डॉक्यूमेंट्स के एक भाषा से दूसरी भाषा में ट्रांसलेशन करने, लीगल रिसर्च और ऑटोमेटिव मल्टीपल प्रोसेस में हो रहा है। एआइ की मदद से अब तक सुप्रीम कोर्ट के 40 हजार से अधिक फैसले हिंदी में ट्रांसलेट हो चुके हैं।

22 कुलपति के 2 जर्नल तैयार होंगे, सरकार को भेजेंगे

दो दिवसीय समेलन में 22 एलएलयू के कुलपतियों को कानूनी शिक्षा को लेकर अलग-अलग टॉपिक दिए गए थे। सभी ने अपने अपने टॉपिक पर भविष्योन्मुखी विचार रखे और भविष्य की आवश्यकताओं को देखते हुए कानूनी शिक्षा और कानून में बदलाव भी सुझाया। इन सभी के सुझाव से दो जर्नल तैयार किए जाएंगे। उन पर शोध के बाद यह रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजी जाएगी ताकि उस पर अमलीजामा पहनाया जा सके।
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भारत में कानूनी शिक्षा का भविष्य विषयक दो दिवसीय समेलन के समापन सत्र को संबोधित करते हुए राजस्थान हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस व एलएलयू जोधपुर के कुलाधिपति एमएम श्रीवास्तव ने समाज की बदलती आवश्यकताओं के साथ विकसित होने वाली और नैतिक आधारों को बनाए रखने वाली कानूनी शिक्षा प्रणाली की आवश्यकता पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि इस समेलन ने कानूनी शिक्षा को समावेशी, अभिनव और वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मक बनाने की प्रतिबद्धता को दर्शाया है। एनएलयू जोधपुर की कुलपति प्रोफेसर हरप्रीत कौर ने कहा कि संस्थानों के बीच सहयोग कानूनी शिक्षा को परिभाषित करने के लिए आवश्यक है। रजिस्ट्रार डॉ. सुनीता पंकज ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
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