scriptTeacher recruitment scam : भजनलाल सरकार का भ्रष्टाचार के खिलाफ पहला प्रहार, कांग्रेस सरकार का आदेश पलटा | Teacher recruitment scam: Bhajanlal government reversed the order of Congress government | Patrika News
जोधपुर

Teacher recruitment scam : भजनलाल सरकार का भ्रष्टाचार के खिलाफ पहला प्रहार, कांग्रेस सरकार का आदेश पलटा

Teacher recruitment scam भजनलाल सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ पहला प्रहार किया है। जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय में 154 शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में आचार संहिता लगने से दो दिन पहले कांग्रेस सरकार ने जो कदम उठाया था, उसे भाजपा सरकार ने पलट दिया है।

जोधपुरJan 05, 2024 / 08:53 am

Rakesh Mishra

bhajanlal_sharma.jpg
Teacher recruitment scam भजनलाल सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ पहला प्रहार किया है। जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय में 154 शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में आचार संहिता लगने से दो दिन पहले कांग्रेस सरकार ने जो कदम उठाया था, उसे भाजपा सरकार ने पलट दिया है। सुप्रीम कोर्ट में दायर एसएलपी पर भर्ती घोटाले की एसीबी में एफआईआर दर्ज हुई थी। कांग्रेस सरकार ने 6 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी विड्रो करने की अर्जी पेश की थी। इस अर्जी को वर्तमान भाजपा सरकार ने गुरुवार को वापस ले लिया।

पात्रता को दरकिनार कर फर्जी भर्ती के मामले में आचार संहिता लागू होने के ऐनवक्त पहले लिए कांग्रेस सरकार के फैसला का खुलासा राजस्थान पत्रिका ने 18 अक्टूबर को प्रकाशित खबर में किया था। इसके बाद राज्यपाल ने भी जांच के आदेश दिए थे। चुनाव के बाद भाजपा सरकार बनते ही बीस दिसम्बर को ही यह निर्णय लिया गया कि एसएलपी विड्रो नहीं की जाएगी। सरकार ने एसीबी को निर्देश दिए कि सुप्रीम कोर्ट में दायर प्रार्थना पत्र को वापस लिया जाए।
दरअसल यह एसएलपी तत्कालीन भाजपा सरकार ने वर्ष 2017 में हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ दायर की थी, जिसमें हाईकोर्ट ने घोटाले को लेकर एसीबी में दर्ज एफआईआर रद्द करने का निर्णय दिया था। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी वापस होते ही एसीबी में लम्बित एफआईआर शून्य हो सकती थी। इस मामले में एसीबी छह आरोपियों को गिरफ्तार कर चालान पेश कर चुकी है तथा अन्य के खिलाफ अभी तफ्तीश जारी है।
यह है मामला
विवि ने फरवरी 2013 में 154 शिक्षकों की भर्ती की थी। इसमें से 111 असिस्टेंट प्रोफेसर, 26 एसोसिएट प्रोफेसर और 17 प्रोफेसर थे। मामला विवाद में आने के बाद एसीबी ने अगस्त 2014 में तत्कालीन कुलपति प्रो. भंवरसिंह राजपुरोहित व अन्य के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज किया था। इसमें करीब 11 जनों की गिरफ्तारी हो चुकी है। अन्य आरोपियों की भूमिका की पड़ताल जारी है। वहीं, सिंडिकेट ने शिक्षक भर्ती 2013 में सहायक आचार्य पद के लिए जारी विज्ञापन में योग्यता को उचित नहीं बताते हुए संपूर्ण प्रक्रिया को रद्द करने की सिफारिश की थी। हालांकि प्रक्रिया को अभी तक रद्द नहीं किया गया।
यह भी पढ़ें

Free LPG Cylinder connection Scheme : अगर आपके पास भी हैं ये 2 चीजें तो नहीं मिलेगा फ्री में रसोई गैस सिलेंडर कनेक्शन, जानिए क्यों



तत्कालीन कुलपति प्रो. राजपुरोहित, प्रो. आर.एन. प्रसाद, प्रो. नरेन्द्र अवस्थी व अन्य ने उच्च न्यायालय में आपराधिक विविध याचिका दायर कर एफआईआर को चुनौती दी थी। सुनवाई के बाद उच्च न्यायालय ने एसीबी की एफआईआर रद्द करने के आदेश दिए थे। तत्कालीन भाजपा सरकार हाईकोर्ट के इस निर्णय के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई। सरकार की एसएलपी पर सुनवाई बाद सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी 2017 को आदेश दिया कि एसीबी की तफ्तीश जारी रहेगी। यह भी आदेश दिया कि एसीबी सात दिन में चालान पेश करे। इसके बाद एसीबी ने भंवर सिंह, डूंगर सिंह खींची, केसवन एम्बरान, जुगल काबरा, श्याम सुंदर शर्मा व दरयाव सिंह चूंडावत के खिलाफ चालान पेश किया।

यह भी पढ़ें

फायरिंग रेंज में डेजर्ट साइक्लोन : राजस्थान पहुंची UAE की आर्मी, इंडियन सैनिकों के साथ करेगी ऐसा काम

https://youtu.be/9sOBwDDq6UM

Hindi News / Jodhpur / Teacher recruitment scam : भजनलाल सरकार का भ्रष्टाचार के खिलाफ पहला प्रहार, कांग्रेस सरकार का आदेश पलटा

ट्रेंडिंग वीडियो