एएसआइ जेठाराम ने बताया कि अग्निवीर योजना के तहत 5 से 14 दिसम्बर तक जोधपुर में भर्ती रैली आयोजित की गई थी। इसमें चयनित अभ्यर्थियों की मिलिट्री अस्पताल में मेडिकल जांच चल रही है। भर्ती रैली में कुलदीप सिंह पुत्र भगवानसिंह का चयन हुआ था, लेकिन उसकी आंख में कुछ खामी है। मेडिकल जांच में उसे असफल होने का अंदेशा था।
इसलिए उसने मेडिकल जांच करवाने के लिए सहपाठी और अपने दोस्त मुकेश चौधरी को मिलिट्री अस्पताल भेज दिया। भर्ती रैली के दौरान सेना की ओर से अभ्यर्थियों के कंधे और कलाई पर सील लगाई गई थी। ऐसे में पकड़े जाने के डर से मुकेश की कलाई व कंधे पर पेन से सेना की सील से मिलती-जुलती फर्जी सील बनाकर लगा दी थी।
मिलिट्री अस्पताल में जांच के दौरान कलाई व कंधे पर लगी सेना की सील का मिलान नहीं हो पाया। इससे डॉक्टर को अंदेशा हो गया। उन्होंने सेना के अधिकारियों को अवगत कराया। जांच करने पर मुकेश चौधरी के फर्जी अभ्यर्थी होने की पुष्टि हुई। उसे पुलिस को सौंप दिया गया। अस्पताल के सूबेदार मनोज कुमार ने रातानाडा थाने में कुलदीपसिंह व मुकेश चौधरी के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई। पुलिस ने फलोदी जिले में मतोड़ाथानान्तर्गत पल्ली गांव निवासी मुकेश पुत्र अणदाराम चौधरी को शांतिभंग के आरोप में गिरफ्तार किया। कार्यपालक मजिस्ट्रेट से जमानत मिलने के बाद मुकेश चौधरी को एफआइआर में गिरफ्तार कर लिया गया। मूल अभ्यर्थी कुलदीपसिंह अस्पताल के बाहर से फरार हो गया, जिसकी तलाश की जा रही है।
रुपए लेकर फर्जी अभ्यर्थी बना या दोस्ती में?
दोनों आरोपी दोस्त हैं और साथ-साथ पढ़ाई की हैं। कुलदीप की आंख में खामी होने पर मुकेश फर्जी अभ्यर्थी बनकर मेडिकल जांच कराने पहुंच गया था। बदले में उसने कुछ रुपए लिए हैं या दोस्ती के लिए फर्जी अभ्यर्थी बना था, इस संबंध में पूछताछ की जा रही है।