रीको, बोरानाडा में वाहन चालक के पद पर कार्यरत बंशीलाल सोलंकी की बेटी शिवानी सोलंकी को वरीयता सूची में 140 वां स्थान मिला है। पुणे से विधि ग्रेजुएट तथा पोस्ट ग्रेजुएट करने के बाद करीब तीन साल से सिविल जज भर्ती की तैयारी कर रहे छात्रों को पढ़ाने के बाद शिवानी ने खुद परीक्षा देने की ठानी।
माता-पिता ने कभी कोई फर्क नहीं किया
बकौल शिवानी-वकील के रूप में मैंने कोर्ट रूम का अनुभव लिया और महसूस किया कि केवल एक पक्ष का प्रतिनिधित्व करने के बजाय, न्यायिक अधिकारी बनकर मैं दोनों पक्षों को सुनते हुए न्याय दिलाने में प्रभावी भूमिका निभा सकती हूं। उन्होंने साझा किया कि उनके माता-पिता ने बेटी और बेटे में कभी कोई फर्क नहीं किया और सामाजिक दबावों के बावजूद उन्हें उच्च शिक्षा के लिए हमेशा प्रोत्साहित किया। परीक्षा की तैयारी और साक्षात्कार तक, माता-पिता का समर्थन उनके साथ बना रहा।
बेटी पर नाज
शिवानी के पिता बंशीलाल सोलंकी ने गर्वित होकर कहा, मुझे बेटी पर नाज है, और मेरी दुआ है कि वह न्याय के मंदिर में निष्पक्षता से अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए इंसाफ को हमेशा प्राथमिकता देगी।
राजनंदनी ने दूसरे प्रयास में बनाई टॉप टेन में जगह
सिविल जज भर्ती में वरीयता सूची में नौवां स्थान हासिल करने वाली जोधपुर निवासी राजनंदनी जोधा अधिवक्ता लक्ष्मण सिंह जोधा की बेटी है। उन्होंने बताया इस बीच उनका जूनियर लीगल अधिकारी के पद पर चयन हो गया था, जिसके दो महीने बाद उन्होंने मौजूदा भर्ती की मुख्य परीक्षा दी और इस बार वरीयता में टॉप टेन में जगह बनाई। उन्होंने बताया कि विधि की पढ़ाई के दौरान वह पिता के साथ कोर्ट जाती थी, जहां उनको न्यायिक सेवा में आने की प्रेरणा मिली। तब से वह लगातार भर्ती की तैयारी कर रही थी।
हितेन जोशी को 15वीं रैंक
मूल रूप से बाड़मेर निवासी तथा वर्तमान में जोधपुर में निवासरत जिला न्यायाधीश से सेवानिवृत्त हुए रविन्द्र जोशी के पुत्र हितेन जोशी का 15वीं रैंक पर चयन हुआ है। हितेन ने 2020 में रायपुर से लॉ की डिग्री हासिल की। उनको दूसरे प्रयास में कामयाबी मिली है। पुरुष वर्ग में उनकी रैंक दूसरी है। जोशी ने बताया कि कड़ी मेहनत व नियमित पढ़ाई के चलते उनका चयन हुआ।