इसी कड़ी में एक एम्बुलेंस टीम को भी खास तौर से प्रशिक्षित भी किया गया है। गौरतलब है कि शीतकालीन प्रवास पर खीचन में प्रवास कर रही डेमोाइल क्रेन के गत 15 दिसम्बर से 19 दिसम्बर तक बीमार 9 कुरजां मौत के बाद मौत के कारणों को जानने के लिए विसरा को भोपाल भेजा गया था।
आवागमन किया गया बंद
जहां जन जीवन के लिए खतरनाक वायरस एच 5 एन 1 एवियन इन्फलूजा की पुष्टी हुई थी। जिसके बाद से खीचन में कुरजां के पड़ाव स्थलों पर आमजन का आवागमन बंद कर दिया गया था और अब सात दिन की अवधी व्यतीत होने के बाद बर्ड फ्लू की आशंका के बीच मेडिकल टीम का गठन कर गांव-गांव सर्वे शुरू किया गया है। जयपुर से पहुंची टीम
गौरतलब है कि कुरजां में पाए गए बर्ड फ्लू वायरस की पुष्टी के बाद जन सुरक्षा के लिए
जयपुर से पब्लिक हेल्थ विभाग की मेडिकल टीम के विशेषज्ञ बुधवार को खीचन पहुंचे और उन्होंने खीचन में कुरजां पड़ाव स्थल व स्थानीय मेडिकल हेल्थ टीम के साथ खीचन गांव का भ्रमण कर वर्तमान स्थिति की जानकारी ली।
550 घरों में किया सर्वे
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. धीरज बिस्सा के अधीन सात मेडिकल टीमों का गठन किया गया। जिन्होंने खीचन में अलग-अलग वार्डों में सर्वे शुरू किया है। जिसमें टीम की ओर से हर घर पर दस्तक देकर वहां सर्दी, खांसी, जुकाम से संबंधित रोगियों का सर्वे करवाया जा रहा है।
सतर्क रहने की सलाह
एक टीम में सीएचओ, एएनएम, आशा को शामिल किया गया है। यह टीम हर घर जाकर लोगों के स्वास्थ्य से संबंधित सर्वे कर प्रतिदिन सीएमएचओ कार्यालय में रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। जानकारी के अनुसार सर्वे टीम को दोपहर दो बजे और फिर शाम को पांच बजे सर्वे रिपोर्टिंग करने के आदेश दिए गए हैं। इसके अलावा आमजन को बर्ड फ्लू से बचाव रखने के संबंध में भी भोंपू से प्रचार कर सतर्क रहने की सलाह दी गई।
सर्वे व जन जागरूकता के कर रहे प्रयास
बर्ड फ्लू की आशंका के बीच इसका फैलाव रोकने व सही तथ्य जुटाने के लिए सात मेडिकल टीमों का गठन किया गया है। यह टीमें खीचन गांव के घरों का सर्वे कर रिपोर्टिंग करेंगी। पहले दिन 550 घरों में सर्वे किया गया है। वनविभाग, पशुपालन विभाग व विभागीय मेडिकल टीम संयुक्त रूप से कार्य कर रहे है। अभी तक स्थिति नियंत्रण में है। - डॉ. धीरज बिस्सा, सीएमएचओ, फलोदी
सात दिन से स्थिति नियंत्रित
फलोदी के खीचन में गत सात दिनों से कुरजां पक्षी की मौत व बीमार होने का कोई नया मामला सामने नहीं आया है, फिर भी एहतियात के तौर पर अभी कुरजां के पड़ाव स्थलों पर निगरानी रखी जा रही है। अब खीचन के साथ आस-पास के क्षेत्र मलार, रिण व अन्य गांवों में भी सर्वे शुरू किया गया है।
- डॉ. भागीरथ सोनी, नोडल व पशु चिकित्साधिकारी, पशुपालन विभाग
जोधपुर से पहुंची वन्यजीव संरक्षण विभाग की टीम
वनविभाग वन्यजीव की टीम भी अब फलोदी पहुंच गई है। टीम के रेंजर व तीन वनकर्मी भी अब स्थानीय वनविभाग की टीम के साथ कुरजां के पड़ाव स्थलों की निगरानी के साथ सर्वे में सहयोग करेंगे।
- कृष्णकान्त व्यास, एसीएफ, वन विभाग, फलोदी