गडरा रोड स्थित बीएसएफ की अग्रिम चौकी की कमान सम्भाल रहे अधिकारियों का कहना है कि सीमा पार मूवमेंट जरूर है, लेकिन हम भी राउंड द क्लॉक नजर रख रहे हैं। हालांकि सीमा चौकी से पाकिस्तान की गडरा सिटी सीमा चौकी पर सन्नाटा दिखता है, लेकिन जीरो लाइन के पीछे रेत के धोरों की आड़ में कुछ टैंक तैनात करने की बात सामने आई है। सीमा चौकियों पर भी बीएसएफ अलर्ट है। सीमा पार की गतिविधियों पर नजर के लिए कुछ नफरी जरूर बढ़ाई गई है।
सीमावर्ती गांव बन्ने की बस्ती में तो लोग बाकायदा चौक में ताश खेलते दिखे। पूछने पर बोले, कैसा डर। हमने तो पहले भी लड़ाई देखी और अब भी तैयार हैं। पाकिस्तानी फौज आए तो सही, इस बार और बड़ा सबक सिखाएंगे। गांव के रहने वाले मोहम्मद अली कहते हैं कि हम फौज के साथ पहले भी खड़े थे। अब भी खड़े हैं। कोई डर नहीं है। एक अन्य सीमावर्ती गांव भाचभर के ग्रामीण भी बेखौफ दिखे। बोले, सुना जरूर है कि पाकिस्तान की तरफ हलचल है। हमारे यहां तो सब ठीक है। वर्ष 1965 और 1971 की लड़ाइयां देख चुके लोगों में ही नहीं, युवा पीढ़ी में भी पाकिस्तान के प्रति गुस्से का माहौल है, बाड़मेर जिला मुख्यालय से अन्तरराष्ट्रीय सीमा लगभग 100 किलोमीटर दूर है।
सीमा चौकियों पर अब भी बीएसएफ ही मोर्चा सम्भाले हुए है, लेकिन सीमा पार रैंजर्स की जगह पाकिस्तानी फौज आगे आ रही है। सीमा पार मेणाऊ, पवनिए का पार, सुभान की बेरी, गरडिया, नीमला, गडरा सिटी, ककरालौ, अलियाणी, गोगासर और मुनाबाव के ठीक सामने खोखरापार की गाजी पोस्ट पर पाक रैंजर्स की जगह पाक सेना के जवान दिखाई देते हैं। गडरा रोड सीमा चौकी व मुनाबाव के सामने खोखरापार में भी पाक फौज की हलचल है। कराची से खोखरापार तक मूवमेंट हुआ है। कराची में कुछ एक्सप्रेस वे बंद करवाए गए हैं। ऐसा इनका इस्तेमाल रनवे के रूप में करने के लिए किया गया है। कराची स्थित पाकिस्तानी सेना की चौथी और लाहोर स्थित पांचवी कोर को उतारा गया है तो बीकानेर-श्रीगंगानगर के सामने बहावलपुर में 31वीं कोर की तैनाती है। सातवीं व नौंवी इन्फेंट्री डिविजन को भी मूव किया जा रहा है।