पीठ ने एक पिता की उसके बेटे की शादी में उपस्थिति को परिवार का अनिवार्य हिस्सा मानते हुए इस महत्वपूर्ण अवसर पर शामिल होने की अनुमति दी। याचिकाकर्ता ने अपने पिता के लिए अंतरिम जमानत की मांग की थी, जो पिछले छह वर्षों से खेतेेश्वर अर्बन क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी से जुड़े कथित वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों में जेल में बंद है। उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 406, 409 और 120-बी के तहत कई प्राथमिकी दर्ज हैं। कोर्ट ने पारिवारिक संबंधों की महत्ता और शादी की तैयारियों में पिता की भूमिका को स्वीकारते हुए कहा कि उसे यह अवसर न देना उसकी गरिमा और पारिवारिक भूमिका से समझौता करने जैसा होगा। पीठ ने उसे 15 दिन की अंतरिम जमानत प्रदान की है।