जोधपुर. मथुरादास माथुर अस्पताल में सात साल की बच्ची के जन्मजात दिल के छेद को रोकने के साथ पलमोनरी स्टेनोसिस की दुर्लभ सर्जरी की गई। दो साल से सांस की तकलीक से जूझ रही इस बच्ची को नया जीवन मिला है। ऑपरेशन के बाद बच्ची स्वस्थ है। उसका इलाज सीटीवीएस वार्ड में हो रहा है। ऑपरेशन के पश्चात की सभी जांचें, ब्लड पैरामीटर्स तथा इको कार्डियोग्राफी भी नॉर्मल है। ऑपरेशन मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य योजना में पूरी तरह नि:शुल्क किया गया।
मथुरादास माथुर अस्पताल सीटीवीएस विभाग के अध्यक्ष डॉ. सुभाष बलारा ने बताया कि बाड़मेर निवासी सात वर्षीय बच्ची गत दो साल से श्वांस की तकलीफ से जूझ रही थी। यह तकलीफ उसको जन्म के साथ ही उपरांत शुरू हो गई थी। उम्र के साथ दिक्कत बढऩे लगी। कभी-कभी शरीर नीला भी पडऩे लगा। उसे अस्पताल के उत्कर्ष सीटीवीएस वार्ड में भर्ती करवाया गया। इको कार्डियोग्राफी में बच्ची के हृदय में जन्मजात रोग डीओआरवी के साथ वीएसडी और पीएस की पुष्टि हुई। डॉक्टरों ने सर्जरी से हार्ट के छेद को बंद करने तथा री- कंस्ट्रक्शन करने का निर्णय लिया। इस ऑपरेशन को बाईपास मशीन पर किया गया।
दुर्लभ बीमारी सहायक आचार्य डॉ. अभिनव सिंह ने बताया कि डबल आउटलेट राइट वेंट्रीकल के साथ वेंट्रिकुलर सेप्टल डिफेक्ट और पलमोनरी स्टेनोसिस एक दुर्लभ कंजनाइटन बीमारी है, जिनका इंसिडेंस नॉर्मल पॉपुलेशन में 0.09 पर 1000 लाइव बर्थ होता है। इस बीमारी में बच्चे नीले होने से हार्ट फैलियर तक की प्रेजेंटेशन में आते है।
ऑपरेशन टीम में ये डॉ. सुभाष बलारा, डॉ.अभिनव सिंह, डॉ. देवाराम, डॉ. राकेश करनावत, डॉ. शिखा सोनी, डॉ. गायत्री, डॉ. कुलदीप, डॉ.दिनेश तथा डॉ. गिरधर। ओटी स्टाफ आसिफ इकबाल,मोनिका व तेज प्रकाश सोनी। आईसीयू स्टाफ नरेश, हरि सिंह व भंवर।