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आपको बता दें कि लूणी विधानसभा क्षेत्र में तीन लाख से ज्यादा वोट हैं। यहां सबसे ज्यादा जाट मतदाता है, जिनकी संख्या 57 हजार से ज्यादा बताई जा रही है। वहीं पटेल 48 हजार और विश्नोई तीस से 35 हजार हैं। हालांकि इस सीट पर जाट मतदाता ज्यादा होने के बावजूद यहां विश्नोई उम्मीदवार का दबदबा रहा है। यहां एससी-एसटी, माली, प्रजापत, राजपूत, राजपुरोहित, मूल ओबीसी, स्वर्णकार, गोस्वामी, गुर्जर जाति के मतदाता हैं। लूणी विधानसभा क्षेत्र में लूणी की इस विधानसभा सीट पर पिछले कुछ चुनाव से एक बार बीजेपी तो एक बार कांग्रेस को जीत हासिल होती है। खासतौर से बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों की ओर से किसी जाट को टिकट नहीं दिया जाता है।पहले लड़की से बंधवाई राखी, फिर किया इतना परेशान कि दो बहनों खत्म कर ली अपनी जिंदगी, जानें पूरा मामला
लूणी विधानसभा सीट पर 1972 के बाद से ही विश्नोई परिवार का दबदबा रहा है। रामसिंह विश्नोई यहां से 7 बार चुनाव जीत चुके हैं। इसके बाद उनके बेटे मलखान सिंह विधायक बने और उसके बाद पोते महेंद्र सिंह ने इस सीट पर अपना कब्जा जमाया। 2018 के चुनाव में कांग्रेस के महेंद्र विश्नोई को 84979 और भाजपा के जोगाराम पटेल को 75822 वोट मिले। इनके अलावा आरएलटीपी के भंवरलाल को 30497 और बसपा के पप्पूसिंह को 23552 वोट मिले। इस विधानसभा क्षेत्र में 3574 वोट नोटा के खाते में गए।1957-पूनम चंद विश्नोई
1962-स्वरूप सिंह
1967-पूनम चंद विश्नोई
1972-राम सिंह विश्नोई
1977-राम सिंह विश्नोई
1980-राम सिंह विश्नोई
1985-राम सिंह विश्नोई
1990-राम सिंह विश्नोई
1993-जसवन्त सिंह विश्नोई
1998-राम सिंह विश्नोई
2003-राम सिंह विश्नोई
2003-जोगाराम पटेल
2008-मलखान सिंह विश्नोई
2013-जोगाराम पटेल
2018-महेंद्र विश्नोई