अमरीका में यह हाई पॉइंट शनिवार से शुरू हो चुका है, जो छह दिन तक चलेगा। खास बात यह है कि इसमें जोधपुर के ज्यादा लोग व्यक्तिगत तौर पर नहीं जाते, पर जोधपुर का ही अधिकांश माल वहां डिस्प्ले होता है। इसमें यहां के निर्यातकों के बायर्स प्रजेंटेशन देते हैं। इसके बाद इंक्वायरी और ऑर्डर आते हैं। इससे 50 हजार लोगों को काम मिलता है। भारत से निर्यात होने वाले 5000 करोड़ में से आधा निर्यात अमरीका में होता है।
40 हजार से अधिक लोगों को मिलता है रोजगार
इस इवेंट के बाद जोधपुर के बड़े निर्यातकों के जो खरीदार विदेशों में बैठे हैं, उनके ऑर्डर मिलते हैं। इन ऑर्डर की पूर्ति के लिए कई छोटे उद्यमी प्रोडक्शन शुरू करते हैं। इससे प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से 40 हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलता है।
चीन को टक्कर
भारत से ज्यादा चीन को हाई-पॉइंट में तवज्जो दी जाती थी, लेकिन जोधपुर व भारत के प्रमुख शहरों के हैंडीक्राफ्ट ने इस गुणवत्ता का काम पिछले कुछ सालों में किया है कि चीन को पीछे छोड़ कर अमरीका की पसंद भारत का हैंडीक्राफ्ट मार्केट बनता जा रहा है।
फैक्ट फाइल
● 6 दिन का दुनिया का सबसे बड़ा हैंडीक्राफ्ट एक्स-पो। ● 200 से अधिक लोग जोधपुर के सामान का करते हैं डिस्प्ले। ● 5000 करोड़ का हैंडीक्राफ्ट निर्यात जोधपुर से होता है पूरे साल में। ● 2500 करोड़ का निर्यात अकेले अमरीका में होता है जोधपुर से। ● 6 माह तक जोधपुर के लोगों को काम मिलता है इस इवेंट से।
अमरीका में निर्यात प्रतिशत और बढ़ेगा
जोधपुर हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष भरत दिनेश ने बताया कि अमरीका जोधपुर के हैंडीक्राफ्ट का सबसे बड़ा बायर है। हाई पॉइंट फेयर से जोधपुर को बड़ी उमीदें होती है। जोधपुर के आर्टिस्टीक एवं विंटेज लुक फर्नीचर की अमरीका में बड़ी डिमांड है। आने वाले दिनों में जोधपुर से अमरीका का निर्यात प्रतिशत और अधिक बढ़ेगा।