ओवरब्रिज को गत वर्ष शुरू किया गया था, लेकिन टेस्टिंग के दौरान लचक के चलते तकनीकी सवाल उठे। जेडीए ने दो स्थाई पिलर लगाने का काम शुरू किया। ब्रिज में कम्पोजिट गर्डर स्पान 46 व 47 के बीच घुमावदार 500 टन वजनी और 45 मीटर लम्बी गर्डर लगाया गया है। तकनीकी खामी को दूर करने के लिए इस घुमावदार गर्डर के नीचे दो स्थाई पिलर लगाने की आवश्यकता आईआईआईई बेंगलूरु के प्रोजेक्ट डायरेक्टर व आरओबी के डिजाइन कन्सल्टेंट आरआर मोहंती व सैनफील्ड इंडिया लिमिटेड, मुम्बई के ब्रिज विशेषज्ञ सुनील एस. जाधव ने बताई थी। ब्रिज के नीचे दो पिलर व ऊपरी तल पर घुमावदार झूला बनाया गया। गत सप्ताह इसकी लोड टेस्टिंग की गई थी।
दूसरा भाग ब्रिज पर द्वितीय तल पुल के अलावा प्रथम तल के पुल का भाग जो कि निर्माण के लिए आंशिक रूप से बंद किया गया था, उसे भी खोल दिया गया है। इस प्रकार मल्टीलेवल फ्लाईओवर के प्रथम तल व द्वितीय तल पुल के समस्त भागों को आवागमन के लिए खोल दिया गया है। इस प्रोजेक्ट पर 111 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। इसमें दो पिलर का खर्चा अतिरिक्त है।
हो चुके हैं हादसे ओवरब्रिज पर पहले भी हादसे हो चुके हैं। दो हादसों में दो जनों की मौत हो चुकी है। जेडीए ने ब्रिज पर स्पीड कंट्रोल के लिए ब्रिज पर चढ़ाई से पहले स्पीड ब्रेकर बनाए हैं, ताकि ब्रिज पर कम रफ्तार से वाहन चढ़ें।