प्रार्थिया ने अधिवक्ता विशाल सारस्वत के जरिए कोर्ट में घरेलू हिंसा से संरक्षण अधिनियम की धारा 12 व 23 के तहत परिवाद पेश कर बताया कि उसका विवाह जोधपुर निवासी ऑस्ट्रेलियाई नागरिक के साथ वर्ष 2008 में हिंदू रीति रिवाज से हुआ। दोनों के दो बच्चे हुए 7 विवाह के बाद साथ रहने के दौरान पति और ससुराल वालों ने प्रार्थिया को दहेज व अन्य बातों के लिए मानसिक एवं शारीरिक रूप से घरेलू हिंसा कर प्रताड़ित किया। पति की ओर से जवाब नहीं आया।
पति की आय को देखते हुए दिया बड़ा आदेश
प्रार्थिया ने कोर्ट में बताया कि पति का कई देशों में व्यापार है और लाखों रुपए की मासिक आय होती है। कोर्ट ने दोनों पक्षों के रहन-सहन के स्तर और पति के भुगतान करने की हैसियत को ध्यान में रखते हुए अंतरिम भरण पोषण के रूप में 1.20 लाख रुपए प्रतिमाह 10 तारीख तक देने का आदेश दिया। साथ ही प्रार्थिया और बच्चों के साथ घरेलू हिंसा नहीं करने का आदेश भी दिया।