दरअसल, पुलिस कमिश्नर राजेन्द्रसिंह सरकारी कार से ऑफिस जा रहे थे। वीर दुर्गादास राठौड़ ओवरब्रिज से मेडिकल कॉलेज चौराहा की तरफ जाने लगे तो ग्रीन लाइट होने के बावजूद वाहनों की कतार नजर आई। सड़क के बीचों-बीच यातायात पुलिस की महिला कांस्टेबल बाहरी राज्य की एक कार को रोककर जांच करती नजर आई। कमिश्नर ने चालक से अपनी कार कुछ पीछे साइड में रुकवाई और पूरा माजरा देखने लगे।
सड़क के बीचों-बीच कार की जांच करने से यातायात व्यवस्था बाधित हो रही थी। कुछ देर बाद कार रवाना हो गई। तब पुलिस कमिश्नर सिंह ने महिला सिपाही को बुलाया और कार रोकने का कारण पूछा। महिला सिपाही ने कागजात चेक करने और कोई खामी नजर नहीं आने पर रवाना करने की जानकारी दी। पुलिस कमिश्नर ने सड़क के बीचों-बीच कार खड़ी कर यातायात बाधित करके जांच करने पर नाराजगी जताई। फिर कमिश्नर कार्यालय की तरफ रवाना हो गए।
शाम को उसी पॉइंट पर बुलाकर दिए निर्देश
पुलिस कमिश्नर राजेन्द्रसिंह ने शाम को अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त यातायात दुर्गाराम चौधरी, सहायक पुलिस आयुक्त और यातायात निरीक्षक को मेडिकल कॉलेज पॉइंट बुलाया। महिला कांस्टेबल व पॉइंट पर तैनात अन्य पुलिसकर्मियों को भी बुलाया गया। सड़क पर ही सभी की क्लास ली गई। सड़क के बीच वाहन खड़े करके जांच करने पर कड़ी नाराजगी जताई। पीयूसी के नाम पर वाहन खासकर बाहरी राज्य के वाहन चालकों को परेशान न करने के सख्त निर्देश दिए गए।
कार्रवाई की हिदायत
एडीसीपी दुर्गाराम चौधरी ने आदेश निकालकर सख्त हिदायत दी कि ड्यूटी के दौरान यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने को प्राथमिकता दें। यदि कोई वाहन नियमों का उल्लंघन करता है तो सड़क किनारे रोककर जांच व कार्रवाई करें। पीयूसी संबंधी जांच के नाम पर और बाहरी राज्य के वाहनों को अनावश्यक परेशान न करने की हिदायत दी गई। शिकायत मिलने पर सख्त कार्रवाई की हिदायत दी गई। महिला सिपाही कार सड़क पर खड़ी कर वाहन की जांच करती पाई गई। इससे यातायात बाधित हुआ। उसे कार सड़क किनारे रोककर जांच करने की हिदायत दी गई। यातायात पुलिस की पहली प्राथमिकता यातायात व्यवस्था बनाए रखना है। इसके बाद वाहनों की जांच व कार्रवाई की जाए।
- राजेन्द्रसिंह, पुलिस कमिश्नर जोधपुर