‘370 को लेकर हम लोगों को मूर्ख नहीं बनाएंगे’
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि हम लोगों को मूर्ख बनाना नहीं चाहते हैं। मैंने हमेशा कहा है कि जिन लोगों ने अनुच्छेद 370 Article 370 को हटाया, उनसे इसे वापस पाने की उम्मीद करना मूर्खता है। लेकिन हम इस मुद्दे को जीवित रखेंगे उम्मीद है कि एक दिन सरकार बदलेगी, प्रधानमंत्री बदलेंगे और एक ऐसी सरकार आएगी जिसके साथ हम इस मुद्दे पर बात कर सकेंगे और जम्मू-कश्मीर के लिए कुछ हासिल कर सकेंगे।‘केंद्र के साथ लड़ाई हमारी मजबूरी नहीं’
उमर अब्दुल्ला ने कहा, “सरकार बनने दीजिए। यह सीएम से पूछें जो निर्वाचित होंगे। मेरा सुझाव यह है कि नई दिल्ली के साथ समन्वय जरूरी होगा। दिल्ली (केंद्र) से लड़ने से हमारे मुद्दे और मुश्किलें हल नहीं होंगी। हम बीजेपी की राजनीति स्वीकार नहीं करेंगे और बीजेपी हमारी राजनीति स्वीकार नहीं करेगी। हमारी प्रतिद्वंद्विता रहेगी लेकिन केंद्र से लड़ना हमारी मजबूरी नहीं है। मुझे लगता है कि केंद्र के साथ उचित संबंध जम्मू-कश्मीर के लिए अच्छे होंगे और जम्मू-कश्मीर के लोगों ने लड़ाई के लिए वोट नहीं दिया है, उन्होंने वोट दिया है क्योंकि वे नौकरियां, प्रगति चाहते हैं। राज्य का दर्जा, बिजली आपूर्ति में राहत और अन्य मुद्दों का समाधान…”जम्मू कश्मीर रियासत रही है और…
उमर अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर में उपराज्यपाल के हस्तक्षेप के सवाल पर कहा कि जम्मू कश्मीर और दिल्ली में फर्क है। दिल्ली कभी रियासत रही नहीं है या दिल्ली को रियासत बनाने का वादा कभी किसी ने किया नहीं। जम्मू कश्मीर एक रियासत थी। हमें रियासत का दर्जा देने का वादा किया गया था। वर्ष 2019 से पहले जम्मू कश्मीर को रियासत का दर्जा प्राप्त था।कौन सी सीट छोड़ेंगे अब्दुल्ला?
बडगाम और गंदेरबल में से कौन सी सीट छोड़ेंगे, इस पर उमर अब्दुल्ला ने कहा कि मैं दोनों सीटें नहीं रख सकता। मुझे एक सीट छोड़नी होगी। मैं अपने सहयोगियों से चर्चा करूंगा और जो निर्णय होगा, उसके बारे में आपको बताऊंगा। अब्दुल्ला ने कहा कि कुछ महीने पहले जब लोकसभा चुनाव में बारामुल्ला के नतीजे आ रहे थे तो मैं शुरुआत में आगे चल रहा था लेकिन आधे घंटे में यह बदल गया और अंतर बढ़ता गया। मैंने हमेशा कहा है कि एग्जिट पोल समय की बर्बादी है।यह भी पढ़ें : Jammu Kashmir Assembly Election 2024: यहां दलों ने बिछाए वादे और दावों का जाल पर वोटर दिख रहा बेहद सतर्क