GST में इस नए प्रावधान से फिर मजबूत होगा लघु उद्योग, खुलेंगे आसान कर्ज के रास्ते, रिटर्न भरने में होगी आसानी राज्य सरकार ने 21 नवंबर, 2006 को भूमि का आवंटन किया। 16 जनवरी, 2007 को इसका कब्जा प्राप्त किया गया। इसके बाद 20 अप्रैल, 2007 को आधारशिला रखी गई। शुरू से ही यह परिकल्पना थी कि भवन ऐतिहासिक और भव्य होना चाहिए। लिहाजा इसकी डिजाइन को लेकर कई बार मंथन हुआ। वास्तुकार टीआर शर्मा ने संसद भवन की तर्ज पर नए भवन निर्माण की डिजाइन पेश की। इसे दिसंबर, 2010 में अनुमोदित किया गया। इसके अगले साल मई में कार्यकारी एजेंसी राजस्थान राज्य सडक़ विकास निगम ने भवन का कार्य शुरू किया। अक्टूबर, 2011 में पहली छत डाली गई।
जोधपुर का रवि भारतीय क्रिकेट टीम अंडर-19 वल्र्ड कप में बिखेरेगा जलवा, श्रीलंका के साथ होगा पहला मुकाबला भवन में सबसे ज्यादा आकर्षण के केंद्र सेंट्रल डोम का निर्माण जुलाई-अगस्त, 2013 में शुरू हुआ, जो 27 मार्च, 2014 को पूरा हुआ। सेंट्रल डोम का कुल निर्मित क्षेत्रफल 16 हजार वर्ग फिट है, जो 56 स्ट्रक्चरल पीलर्स पर खड़ा है। संपूर्ण भवन का स्ट्रक्चरल वर्क सितंबर-अक्टूबर, 2016 में पूर्ण हो गया, जिसके बाद इंटीरियर व अन्य कार्य चलता रहा। संपूर्ण परिसर को हरीतिमा से आच्छादित किया गया है, जिसका क्षेत्रफल 40 हजार वर्ग मीटर से ज्यादा है। करीब दो हजार पौधे व पेड़ लगाए गए हैं। भवन का मुख्य द्वार इटालियन-रोमन वास्तु पर आधारित है, जिसके लिए तीस फिट ऊंचे पिलर लगाए गए हैं।