ALSO READ: छात्रनेताओं की गुंडागर्दी: सिंडीकेट बैठक में किया हंगामा, फेंकी कुर्सियां व टेबल, चला पुलिस का डंडा 18 अक्टूबर को अनुसूचित जाति-जनजाति मामलों की विशेष अदालत द्वारा अंतरिम जमानत आवेदन नामंजूर होने के बाद राजस्थान हाईकोर्ट में अंतरिम जमानत के लिए याचिका पेश की गई। न्यायाधीश पी.के. लोहरा की अदालत में वरिष्ठ अधिवक्ता महेश बोड़ा व अधिवक्ता हनुमान खोखर ने पैरवी करते हुए सामाजिक-धार्मिक कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए दोनों आरोपियों को अंतरिम जमानत पर रिहा करने का अनुरोध किया। इस पर जस्टिस लोहरा ने दोनों आरोपियों को 22 से 26 अक्टूबर तक पुलिस अभिरक्षा में अंतरिम जमानत मंजूर की। दोनो आरोपी पुलिस अभिरक्षा में पांच दिन सामाजिक कार्यक्रमों में शिरकत करने के लिए जाएंगे।