चक्रवाती तूफान ने देश के सबसे बड़े प्रोजेक्ट भारतमाला परियोजना को तिनके की तरह उड़ाया, किसान हुए बेहाल
पुलिस कमिश्नर रविदत्त गौड़ ने बताया कि गैंगवार के चलते एक फरवरी को चौपासनी बाइपास पर वीतराग सिटी में हिस्ट्रीशीटर राकेश मांजू पर फायरिंग की गई थी। अधमरा छोड़ हमलावर भाग गए थे। जिसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था। फायरिंग के पीछे नांदिया प्रभवती गांव निवासी विक्रमसिंह नांदिया मुख्य साजिशकर्ता है। जो फरार हो गया था। उस पर गत दिनों एक लाख रुपए का इनाम भी घोषित किया गया था।आज आसमान में होगा ऐसा चमत्कार, एक झटके में गायब हो जाएगी आपकी परछाई, जानिए कैसे
डीएसटी के कांस्टेबल गिरवरसिंह व अकरम खान को विक्रमसिंह के उसके गांव में टेकरी पर स्थित भूरिया बाबा मंदिर परिसर में छुपे होने की सूचना मिली। डीसीपी पूर्व डॉ अमृता दुहन के निर्देशन में क्राइम ब्रांच के अपराध सहायक व निरीक्षक भारत रावत के नेतृत्व में पुलिस ने मंदिर की घेराबंदी की और वहां छुपे विक्रमसिंह को पकड़ लिया। पूछताछ के बाद बोरानाडा थाना पुलिस ने नांदिया प्रभावती गांव निवासी विक्रमसिंह (35) पुत्र हुकमसिंह राजपूत और फायरिंग में सहयोगी के आरोप में चौहाबो के श्रीराम नगर निवासी हिस्ट्रीशीटर दिनेश बंबानी (36) पुत्र किशनचंद को भी गिरफ्तार किया। वारदात के बाद से वह खुलेआम घूम रहा था। विक्रम ने अपने ऊपर फायरिंग का बदला लेने के लिए राकेश मांजू पर बजरंगसिंह पालड़ी, मंगलसिंह, रघुवीरसिंह, प्रकाश जाट, युवराजसिंह व अन्य से फायरिंग कराई थी।दोनों गैंग में अब तक पांच बार फायरिंग कैलाश मांजू और दिनेश बंबानी के बीच लाखों के लेन-देन का विवाद है। सुरक्षा के लिए बंबानी ने विक्रम की मदद लेनी शुरू कर दी थी। बोरानाडा क्षेत्र में विक्रम पर फायरिंग की गई थी। मांजू गैंग ने कल्पतरू के पीछे शॉपिंग मॉल के बाहर बम्बानी को गोली मारी गई थी। बंबानी के श्रीराम नगर में मकान पर भी फायरिंग किए गए थे। 11 मार्च 2021 को डाली बाई मंदिर सर्कल के पास कार में सवार विक्रम सिंह नांदिया पर राकेश मांजू ने नौ गोलियां चला दी थी। गत वर्ष दिनेश बंबानी व साथियों ने कैलाश मांजू की हत्या के लिए राजू फौजी को 80 लाख रुपए में सुपारी दी थी, लेकिन पहले बंबानी व अन्य पकड़ में आ गए थे।