डॉ.कृति भारती ने आखातीज पर मासूमों को बाल विवाह की बेडियों से मुक्ति के लिए बाल विवाह निरस्त करवाने के संदेश के साथ अनूठी पहल की थी। अब तक 43 जोडों के बाल विवाह निरस्त करवा चुकी डॉ.कृति भारती ने वर्ष 2015 की आखातीज के मौके पर जोधपुर पारिवारिक न्यायालय से दो नाबालिग जोडों का तीन दिन की प्रक्रिया में बाल विवाह निरस्त करवाया था। इसके बाद वर्ष 2016 में भी आखातीज के मौके पर जोधपुर पारिवारिक न्यायालय में एक जोडे का बाल विवाह निरस्त करवाया था। वहीं वर्ष 2017 में भी आखातीज के मौके पर अजमेर पारिवारिक न्यायालय में बाल विवाह निरस्त करवाया। ऐसे में आखातीज पर लगातार तीन साल बाल विवाह निरस्त करवाने की अनूठी हैट्रिक बनी। डॉ.कृति भारती के बाल विवाह निरस्त करने के हैट्रिक रिकॉर्ड को अब लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में स्थान मिला है। लिम्का बुक ने डॉ.कृति का नाम स्पेशल वन टाइम कैटेगरी में शामिल किया है, जिससे अब इस रिकॉर्ड के तोडने संबंध में कोई दावा कभी स्वीकार नहीं किया जाएगा। इससे पूर्व भी डॉ.कृति का नाम आखातीज पर बाल विवाह निरस्त की हैट्रिक के लिए वर्ल्ड रिकॉर्ड ऑफ इंडिया में भी वर्ष 2019 में नाम दर्ज हो चुका है।
अब तक सात रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज
डॉ.कृति भारती ने आखातीज के मौके पर ही वर्ष 2012 में देश का पहला बाल विवाह निरस्त करवाकर ऐतिहासिक रिकॉर्ड बनाया था। जिसे वर्ल्ड रिकॉर्ड व लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स आदि में दर्ज किया गया था। अब तक 43 जोडों के बाल विवाह निरस्त करवा चुकी डॉ.कृति भारती ने वर्ष 2015 में तीन दिन की न्यायिक प्रक्रिया से ही दो जोडों के बाल विवाह निरस्त करवाने का भी रिकॉर्ड कायम किया था। जिसे वर्ल्ड रिकॉर्ड इंडिया, यूनिक वर्ल्ड रिकॉर्ड, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज किया जा चुका है। रिकॉर्ड के प्रमाण पत्र से चीफ जस्टिस ऑफ राजस्थान ने डॉ.कृति व पारिवारिक न्यायालय के न्यायाधीश को सम्मान से नवाजा था। आखातीज पर बाल विवाह निरस्त की हैट्रिक के लिए वर्ल्ड रिकॉर्ड ऑफ इंडिया में भी वर्ष 2019 में नाम दर्ज हो चुका है। गौरतलब है कि डॉ.कृति भारती ने देश का पहला बाल विवाह निरस्त करवाने के बाद अब तक 43 जोडों के बाल विवाह निरस्त करवाए हैं।