पुलिस के अनुसार भरतपुर जिले में नदबई निवासी एक व्यक्ति को टेलीग्राम ऐप पर ऑनलाइन निवेश करने का झांसा दिया गया था। इसकी बातों में आकर पीड़ित ने 7,50,400 रुपए ऑनलाइन जमा करवा दिए थे। फिर उसे ठगी का पता लगा था। उसने साइबर थाने में मामला दर्ज कराया था। इस मामले में जोधपुर में झालामण्ड क्षेत्र के बापू नगर निवासी मोनिका प्रजापत (20), आदर्श नगर निवासी ममता कंवर (21) और जसवंत थड़ाकी घाटी में गोल मेहरों का चौक निवासी पीयूष मेहरा को गिरफ्तार किया गया। मोनिका पाल रोड पर निजी अस्पताल में नर्सिंग की इंटरर्नशिप छात्रा है। पीयूष 12वीं का छात्र है और ममता दसवीं तक पढ़ी है। गिरोह में शामिल लूनी निवासी महेन्द्र बिश्नोई और महामंदिर निवासी हेमंत दाधीच अभी तक पकड़े नहीं जा सके हैं। गिरोह में और साइबर ठग होने का भी अंदेशा है। जो इन दोनों के पकड़े जाने के बाद स्पष्ट होंगे।
खाते से सुराग, लाखों का लेन-देन मिले
ठगी के शिकार होने वाले ने बैंक के कुछ खातों में साढ़े सात लाख रुपए ऑनलाइन जमा कराए थे। इन बैंक के खाताधारक जोधपुर के हैं। यह सुराग मिलने पर पुलिस जोधपुर पहुंची और अलग-अलग जगह दबिश देकर तीनों को हिरासत में लिया। ममता से पुलिस पूछताछ में सामने आया कि उसकी सहेली मोनिका प्रजापत ने लूनी निवासी महेन्द्र बिश्नोई से मिलाया था। उसकी बातों में आकर ममता ने बैंक खाता खोलकर महेन्द्र को दे दिया था। मोनिका ने नई सिम लेकर मोबाइल नम्बर खाते से लिंक करवाए थे। इस काम के बदले दोनों को दस-दस हजार रुपए दिए गए थे। पीयूष को उसके मकान से पकड़ा गया। उसने बैंक का नया खाता खोलने के बाद महामंदिर निवासी हेमंत दाधीच को दिया था। उसे भी 10 हजार रुपए दिए गए थे।
बैंक खातों में लाखों रुपए का लेन-देन मिला
पुलिस का कहना है कि ममता के बैंक खाते की जांच की गई तो 24 लाख रुपए के संदिग्ध लेन-देन का पता लगा। वहीं, पीयूष के बैंक खाते में 20 लाख रुपए का संदिग्ध लेन-देन किया गया था।