यह प्रोजेक्ट साल 2013-14 में ही एपू्रड हुआ था। राज्य सरकार के निर्देश पर इसे ‘रिडकोरÓ को सौंपा गया। बीच में वित्तीय समस्या के चलते काम रुका और धीमी गति से ही सही, जैसे-तैसे पूरा भी हो गया। अब पार्किंग स्थल तैयार है। निगम ने इसे जून में शुरू करने का इरादा जाहिर किया था। लेकिन आधा अगस्त गुजरने के बाद भी पार्किंग शुरू नहीं हो पाई।
जोधपुर शहर में वाहन पार्र्किंग गंभीर समस्या है। लोगों को बाजार में खरीदारी के दौरान वाहन पार्क करने के लिए परेशान होना पड़ता है। रक्षाबंधन के साथ त्योहारी सीजन का आगाज होने वाला है। तीज, नवरात्रा, दशहरा व दिवाली तक बाजारों में खासी भीड़ रहेगी। सरदारपुरा, नई सड़क, सोजती गेट, त्रिपोलिया जैसे अत्यंत व्यस्त बाजारों में वाहनों को पार्क करने में समस्याएं आएंगी। निगम चाहे तो गांधी मैदान बेसमेंट पार्र्किंग की शुरुआत कर शहरवासियों को सौगात दे सकता है।
763 चौपहिया व दुपहिया वाहन रखने की जगह
गांधी मैदान में तैयार बेसमेंट पार्र्किंग का एरिया 10 हजार 561 वर्ग मीटर है। इसके निर्माण पर करीब 21 करोड़ 57 लाख रुपए खर्च हुए हैं। इसकी क्षमता 263 कारें और 5 सौ दुपहिया वाहन पार्क करने की है।
इनका कहना है…
‘पार्किंग का काम अंतिम चरण में है। सफाई और कुछ कार्य शेष रहा है। – मनीष गोयल, प्रोजेक्ट मैनेजर ———————— स्वयं सहायता समूहों को बांटे चैक . दीनदयाल अन्त्योदय योजना राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के अंतर्गत गठित स्वयं सहायता समूहों को नगर निगम में रिवोल्विग फंड के चैक महापौर घनश्याम ओझा ने प्रदान किए। जिसके तहत सोमवार को 22 स्वयं सहायता समूहों को चैक प्रदान किए गए। प्रत्येक समूह को दस-दस हजार रुपए का चैक दिया गया। महापौर घनश्याम ओझा ने बताया कि ये महिला सशक्तिकरण की तरफ एक कदम है, जिसके तहत गरीब महिलाएं स्वयं सहायता समूह सें जुड़ कर अपना स्वंय का व्यवसाय शुरू कर सकती है तथा आत्मनिर्भर बन सकती है।