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जोधपुर

पोकरण फायरिंग रेंज में आर्मी कर रही तैयारी, रुस के साथ युद्धाभ्यास अगले महीने

Indian Army
– इंद्र-2021 युद्धाभ्यास 1 से 15 अगस्त तक रुस के वोल्गोगे्रड क्षेत्र में- इस बार कोणार्क कोर की टीम भाग लेगी, कोर कमाण्डर ले. जनरल मन्हास ने युद्धाभ्यास तैयारियों का लिया जायजा

जोधपुरJul 07, 2021 / 06:15 pm

Gajendrasingh Dahiya

पोकरण फायरिंग रेंज में आर्मी कर रही तैयारी, रुस के साथ युद्धाभ्यास अगले महीने

पोकरण फायरिंग रेंज में आर्मी कर रही तैयारी, रुस के साथ युद्धाभ्यास अगले महीने

जोधपुर. भारत और रूस की सेना के मध्य संयुक्त युद्धाभ्यास इंद्र-2021 का आयोजन अगले महीने रूस के वोल्गोग्रेड क्षेत्र में होगा। इसमें भारतीय सेना की दक्षिणी कमान हिस्सा ले रही है। मुख्य रूप से कोणार्क कोर की विभिन्न यूनिट्स के जवान इसमें अपने रणकौशल का प्रदर्शन करेंगे। कोर की जोधपुर और जैसलमेर की विभिन्न यूनिट्स तैयारी के लिए पोकरण फायरिंग रेंज पहुंच गई है जहां टैंक और आधुनिक हथियारों के साथ रेगिस्तान में अभ्यास किया जा रहा है। युद्धाभ्यास तैयारी का जायजा लेने के लिए कोणार्क कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल पीएस मन्हास पिछले सप्ताह फायरिंग रेंज पहुंचे। उन्होंने वहां जवानों का उत्साह वर्धन किया। जवानों को संबोधित करते हुए कोर कमांडर ने आपसी सामंजस्य के साथ युद्ध की उच्चतम स्तर की तैयारी बनाए रखने को कहा।
इंद्र-2021 का आयोजन 1 से 15 अगस्त तक रूस के वोल्गोग्रेड क्षेत्र के प्रुद्धबई प्रशिक्षण स्थल पर होगा। इसमें रुसी आर्मी की दक्षिणी मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट भाग ले रही है। भारतीय सेना और रुसी सेना के 250-250 जवान भाग लेंगे। भारतीय सेना के जवान पोकरण फायरिंग रेंज में विभिन्न प्रकार की मॉक ड्रिल के जरिए अलग-अलग चुनौतियों से निपटने की तैयारी कर रहे हैं। आतंकवादियों के परंपरागत हमलों के अलावा नई तकनीक का जवाब देने और कम से कम नुकसान के साथ लडऩे का अभ्यास किया जा रहा है। भारतीय जवान इसी महीने रूस के लिए रवाना होंगे। आर्मी के अलावा नेवी और एयरफोर्स के जवान भी युद्धाभ्यास के लिए रुस जाएंगे।
भारत और रूस के मध्य इंद्र युद्धाभ्यास की शुरुआत 2003 में हुई थी। पहला संयुक्त ट्राई सर्विस युद्धाभ्यास 2017 में शुरू हुआ। अंतिम युद्धाभ्यास दिसंबर 2019 में झांसी के पास स्थित बबीना, पुणे और गोवा में आयोजित किया गया था। इसका उद्देश्य दोनों सेनाओं के मध्य आपसी सामंजस्य, एक दूसरे के साथ बेहतर तालमेल और युद्ध कौशल बढ़ाना है।

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