पीड़िता को अस्पताल में भर्ती कराया तब पता चला कि वह गर्भवती है। अस्पताल में नाबालिग लड़की ने बच्चे को जन्म दिया। पुलिस ने आरोपी को पॉक्सो एक्ट की विभिन्न धाराओं में गिरफ्तार कर कोर्ट में चालान पेश किया।
राजस्थान सरकार की ओर से नियुक्त विशिष्ट लोक अभियोजक रामपाल विश्नोई ने अबोध बच्ची के साथ जघन्य अपराध के आरोपी को कठोरतम सजा देने की मांग की।
दो बार आजीवन कारावास, दो बार जुर्माना
कोर्ट ने गंभीर अपराध के लिए आरोपी को कोई भी रियायत देने से इनकार करते हुए भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (ए बी) और पॉक्सो एक्ट की विभिन्न धाराओं में दो बार आजीवन कारावास व 25-25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया।
प्रतिकर स्कीम से पीड़िता को पांच लाख देने की अनुशंसा
न्यायाधीश ने राजस्थान पीड़ित प्रतिकर स्कीम के तहत पीड़िता को पांच लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने की अनुशंसा की। इसके तहत चार लाख रुपए की एफडी तथा एक लाख रुपए पीड़िता के बचत खाते में जमा करने का निर्देश दिया।