थानाधिकारी प्रदीप डांगा ने बताया कि नववर्ष के पहले दिन एक जनवरी को जेडीए सर्कल पर मॉल कर्मचारी पुखराज बिश्नोई को टक्कर मारने के बाद हमला करके काले बैग सहित 9.75 लाख रुपए लूट लिए गए थे। वह मॉल के तीन आउटलेट से 12.49 लाख रुपए कलेक्शन लेकर बैंक जा रहा था। 2.74 लाख रुपए एक अन्य बैग में होने से सुरक्षित बच गए थे। इस मामले में रामनिवास मेघवाल फरार था। उस पर 25 हजार रुपए का इनाम घोषित किया गया था। वह कमिश्नरेट के टॉप-10 वांछित में शामिल था।
उसके अहमदाबाद में छुपे होने की सूचना मिली। एयरपोर्ट थाने से कांस्टेबल रमेश व सुरेश चौधरी, पूनाराम, गणपतराम, देवेन्द्र परिहार और रघुनाथराम अहमदाबाद पहुंचे, जहां तीन दिन तक सीसीटीवी कैमरों के फुटेज व तकनीकी पहलुओं से तलाश की और साइबर सैल पूर्व के एएसआइ राकेश सिंह व प्रवीण गहलोत की मदद से तलाश कर रामनिवास को पकड़ लिया। जोधपुर लाकर पूछताछ करने के बाद खेड़ापाथानान्तर्गतबुचेटीथानान्तर्गतमेघवालों का बास निवासी रामनिवास (30) पुत्र नारायणराम मेघवाल को गिरफ्तार किया गया।
इससे पहले मॉल के पूर्व कर्मचारी मुकेश मेघवाल, अर्जुन प्रजापत, हरचंद मेघवाल, भागीरथ जाट व भैराराम जाट को गिरफ्तार कर पिकअप बरामद की जा चुकी है।
9.75 लाख में से पांच लाख अकेले में लिए
पुलिस का कहना है कि मुकेश मेघवाल मॉल में काम कर चुका है, लेकिन चोरी के मामले में उसे निकाल दिया गया था। तब उसी ने रामनिवास मेघवाल के साथ मिलकर लूट करने की सोची थी।रामनिवास ने पूरी साजिश बनाई थी। इसी के चलते लूट के 9.75 लाख में से पांच लाख रुपए अकेले ने लिए थे और फरार हो गया था। वह गुजरात, गोवा व मुम्बई में छुपा था और लूट के रुपए ऐश मौज में उड़ा दिए थे।
हत्या के प्रयास मामले में दो साल से फरार
आरोपी रामनिवास के खिलाफ विभिन्न थानों में लूट, जानलेवा हमला, चोरी, हत्या के प्रयास आदि के दस मामले पहले से दर्ज हैं। वह दो साल से नागौर जिले के गोटन थाने में दर्ज जानलेवा हमले के मामले में फरार है। साथ ही राजू ठेहट गैंग का गुर्गा भी रह चुका है।