उल्लेखनीय है कि पहले राज्य सरकार ने घोषणा की थी कि वर्ष 2013 में कनिष्ठ लिपिकों की सीधी भर्ती के शेष रहे 10,000 रिक्त पदों पर शीघ्र ही भर्ती की जाएगी। घोषणा के अनुसार राज्य कर्मचारी आयोग ने 2013 में 33 जिला परिषदों में कनिष्ठ लिपिकों के 19 हजार 275 पदों के लिए आवेदन मांगे थे। इनमें अभ्यर्थियों को सीनियर सैकंडरी परीक्षा में प्राप्तांकों का 70 प्रतिशत वैटेज दिए जाने एवं अनुभव के आधार पर प्रतिवर्ष दस बोनस अंक (अधिकतम 30 अंक) का वैटेज देने तथा आर.एस.सी.आइ.टी. की पात्रता का प्रावधान किया गया था। इस भर्ती में से चयन के बाद वर्ष 2013 में ही 7,755 अभ्यर्थियों ने कार्यग्रहण कर लिया था।
2013 में मांगे गए थे आवेदन, इसी वर्ष लगी रोक
पंचायती राज विभाग ने वर्ष 2013 में 33 जिला परिषदों में कनिष्ठ लिपिकों के 19,275 पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किए थे। भर्ती परीक्षा के बाद 2013 में 7,755 अभ्यर्थियों ने कार्यग्रहण भी कर लिया था। इस बीच राजस्थान हाई कोर्ट ने 15 जुलाई, 2013 को भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी तथा यह मामला लार्जर बैंच में चला गया।
लार्जर बैंच ने 25 सितम्बर 2013 के अपने निर्णय में सेवा अनुभव के बोनस अंकों की अधिकतम सीमा 15 अंक निर्धारित कर दी। इस निर्णय पर राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की। सुप्रीम कोर्ट ने 29 नवम्बर 2016 को निर्णय में सरकार की ओर से अनुभव के अधिकतम 30 बोनस अंकों को सही माना और सरकार की अपील स्वीकार कर ली। अब सरकार के नए आदेशों के अनुसार शेष रहे 10,917 पदों के बजाय 12,092 पदों पर होगी।